राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत में समुद्री शैवाल के आयात के लिए नए दिशा-निर्देश, आर्थिक विकास को बढ़ावा

28 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: भारत में समुद्री शैवाल के आयात के लिए नए दिशा-निर्देश, आर्थिक विकास को बढ़ावा – मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने भारत में जीवित समुद्री शैवाल के आयात के लिए नए दिशा-निर्देश अधिसूचित किए हैं। ये दिशा-निर्देश पर्यावरण संरक्षण और जैव सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तटीय क्षेत्रों में समुद्री शैवाल उद्यमों को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखते हैं, जिससे मछुआरे समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

उद्देश्य और दिशा-निर्देशों की रूपरेखा

इन दिशा-निर्देशों के तहत विदेशों से उच्च गुणवत्ता वाली बीज सामग्री या जर्मप्लाज्म के आयात की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। वर्तमान में, भारतीय समुद्री शैवाल उद्यमों को व्यावसायिक रूप से मूल्यवान प्रजातियों के लिए बीज की उपलब्धता और कप्पाफाइकस प्रजाति की गुणवत्ता से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत, समुद्री शैवाल क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ाने के कई उपाय किए गए हैं, जिनमें तमिलनाडु में 127.7 करोड़ रुपये के निवेश के साथ बहुउद्देशीय समुद्री शैवाल पार्क की स्थापना शामिल है। इसका लक्ष्य 2025 तक देश में समुद्री शैवाल का उत्पादन 1.12 मिलियन टन तक पहुंचाना है।

आयात प्रक्रिया और निगरानी

नए दिशा-निर्देशों में जीवित समुद्री शैवाल के आयात के लिए एक स्पष्ट प्रक्रिया तैयार की गई है, जिसमें नियामक ढांचे की स्थापना, पारदर्शिता, और उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करना शामिल है। शैवाल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा और जैव सुरक्षा के संभावित जोखिमों का मूल्यांकन किया जाएगा।

इससे समुद्री शैवाल के उत्पादन में स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। नए समुद्री शैवाल की किस्मों के आयात से अनुसंधान और विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे लाल, भूरे, और हरे शैवाल प्रजातियों का उत्पादन बढ़ सकेगा। यह कदम समुद्री शैवाल प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन उद्योगों के विकास के लिए भी सहायक होगा।

आवेदन प्रक्रिया

भारत में जीवित समुद्री शैवाल के आयात के लिए मत्स्य विभाग को एक विस्तृत आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है, जिस पर भारतीय जल क्षेत्र में विदेशों से जलीय प्रजातियों लाने से संबंधित समिति द्वारा अनुमति दी जाएगी। आयात परमिट चार सप्ताह के भीतर जारी किया जाएगा, जिससे गुणवत्तापूर्ण समुद्री शैवाल का आयात संभव होगा।

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