राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

दिल्ली के पूसा कैंपस में साथी पोर्टल पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित, नई बीज प्रजातियों को बढ़ावा देने पर जोर

22 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: दिल्ली के पूसा कैंपस में साथी पोर्टल पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित, नई बीज प्रजातियों को बढ़ावा देने पर जोर – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने NASC परिसर, पूसा, नई दिल्ली में साथी (Seed Authentication, Traceability, and Holistic Inventory) पोर्टल पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 140 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें सरकारी अधिकारी, राज्य कृषि विभागों के प्रतिनिधि, शोधकर्ता और अन्य प्रमुख हितधारक शामिल रहे। कार्यशाला का उद्देश्य साथी  पोर्टल की प्रगति की समीक्षा करना और इसके अगले चरणों के लिए कार्ययोजना तैयार करना था, जिसमें बीज प्रमाणन, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार और बीज ट्रेसबिलिटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया।

उन्नत बीज प्रजातियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता: डॉ. देवेश चतुर्वेदी

कार्यशाला में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव, डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने किसानों तक प्रमाणित बीज पहुंचाने में बीज ट्रेसबिलिटी की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “किसानों को नई और उन्नत बीज प्रजातियों से लाभ दिलाने के लिए उनका प्रचार-प्रसार जरूरी है। हमें सुनिश्चित करना है कि प्रमाणित बीज सुचारू रूप से किसानों तक पहुंचे।” उन्होंने राज्य कृषि विभागों से पोर्टल के माध्यम से बेहतर बीज प्रजातियों को बढ़ावा देने की अपील की।

Advertisement
Advertisement

अतिरिक्त सचिव शुभा ठाकुर ने उद्घाटन भाषण में साथी  पोर्टल की सफलता में राज्य विभागों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “सभी हितधारकों के बीच सहयोग ही इस पहल की सफलता की कुंजी है। हम उम्मीद करते हैं कि राज्य विभाग साथी  पहल में हमारे सच्चे साथी साबित होंगे।” उन्होंने पोर्टल के दूसरे चरण पर जोर दिया, जो बीज इन्वेंटरी प्रबंधन पर केंद्रित है। इस चरण का उद्देश्य किसानों को बीज से जुड़ी जानकारी आसानी और पारदर्शिता से उपलब्ध कराना है।

तकनीकी सत्र में मिली प्रगति की जानकारी

तकनीकी सत्र के दौरान NIC, बीज विभाग, और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वरिष्ठ अधिकारियों ने साथी  पोर्टल की प्रमुख विशेषताओं पर प्रस्तुति दी। इसमें बीज प्रमाणन और प्रबंधन में पोर्टल द्वारा पेश आने वाली चुनौतियों को हल करने के प्रयासों पर चर्चा की गई। ओडिशा के NIC के संयुक्त निदेशक ने पोर्टल के पहले चरण की प्रगति का विश्लेषण करते हुए बताया कि कैसे इसने राज्यों में बीज प्रमाणन की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया।

Advertisement8
Advertisement

कार्यशाला में बीज कानून प्रवर्तन, डीएनए फिंगरप्रिंटिंग, और बीज प्रयोगशाला प्रक्रियाओं पर भी विस्तृत चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि ये सभी पहलू पोर्टल के व्यापक उद्देश्य का हिस्सा हैं, जो बीज गुणवत्ता में सुधार और ट्रेसबिलिटी बढ़ाने के लिए जरूरी हैं।

Advertisement8
Advertisement

दस राज्यों के प्रतिनिधियों ने साथी  पोर्टल के साथ अपने अनुभव साझा किए, जिसमें उन्होंने इसके क्रियान्वयन में आई चुनौतियों और लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पोर्टल ने उनकी बीज प्रमाणन प्रक्रियाओं को सुगम और तेज बना दिया है।

दूसरे चरण के लिए राज्यों की तैयारी पर चर्चा

कार्यशाला के दौरान एक इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों ने दूसरे चरण की तैयारियों पर चर्चा की। अधिकारियों ने पोर्टल के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तकनीकी सहयोग, क्षमता निर्माणऔर राज्य-विशिष्ट प्रक्रियाओं के राष्ट्रीय ढांचे में एकीकरण की जरूरत पर बल दिया।

NIC द्वारा विकसित साथी पोर्टल का उद्देश्य बीज प्रमाणन और इन्वेंटरी प्रबंधन में सुधार करना है। यह पहल किसानों को गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराने के साथ बीज आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता बढ़ाने पर केंद्रित है। कार्यशाला ने पोर्टल की उपयोगिता पर गहन चर्चा का अवसर प्रदान किया और इसे पारदर्शी और प्रभावी बीज प्रबंधन प्रणाली के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कार्यक्रम का समापन उपायुक्त (QC) श्री दिलीप श्रीवास्तव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने साथी  पोर्टल की भूमिका को बीज गुणवत्ता नियंत्रण और आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता बढ़ाने में महत्वपूर्ण बताया।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement