कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: सोयाबीन I कृषि मशीन I मिश्रित उर्वरक I प्याज खरीद I ड्रोन से खेती I धान खरीद
15 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें…
1.मध्य प्रदेश में आवक के आधार पर 10 प्रमुख सोयाबीन मंडी; 10 अक्टूबर 2024 को सोयाबीन की कीमतें और आवक का अपडेट
10 अक्टूबर 2024 को मध्य प्रदेश की सोयाबीन मंडियों में महत्वपूर्ण गतिविधि देखने को मिली है। इस दिन शीर्ष 10 मंडियों में आवक और कीमतों के आंकड़े किसानों के लिए महत्वपूर्ण संकेत हैं, जो उनके व्यापार के निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं। ये मंडियाँ सोयाबीन की आवक के आधार पर शीर्ष 10 में आती हैं। पूरी खबर पढ़े….
2.कृषि मशीनरी व कलपुर्जों की दुकानें, हाईवे पर ट्रकों के गैरेज चालू रहेंगे
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया एक और आदेश – कृषि मशीनरी व कलपुर्जों की दुकानें, हाईवे पर ट्रकों के गैरेज चालू रहेंगे I लॉकडाउन के दौरान किसानों को परेशानी से बचाने की कवायद कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए देश में जारी लॉकडाउन के बीच खेती-किसानी को लेकर केंद्र सरकार ने कई तरह की छूट प्रदान की है, ताकि किसानों को कोई परेशानी नहीं हो और देश में खाद्यान्न की कमी भी नहीं आने पाएं। पूरी खबर पढ़े….
3.कृषकों से उर्वरक के विकल्पों का उपयोग करने की अपील
उपसंचालक कृषि ने कृषकों से उर्वरक के विकल्पों का उपयोग करने की अपील की है। किसान यूरिया, डी.ए.पी., सुपर फास्फेट की जगह अन्य उर्वरक 12:32:16, 20:20:00 जैसे मिश्रित उर्वरकों का प्रयोग भी कर सकते हैं। उपसंचालक कृषि ने बताया कि जिले में रबी फसल हेतु कृषकों द्वारा एवं कृषि विभाग द्वारा तैयारी प्रारंभ की जा चुकी है। पूरी खबर पढ़े….
4.मध्य प्रदेश के 23 जिलों में हल्की वर्षा की संभावना
मौसम केंद्र, भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश के ग्वालियर, चंबल, शहडोल, सागर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं जबलपुर संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर; भोपाल, इंदौर संभागों के जिलों में अनेक ̾ स्थानों पर; नर्मदापुरम, उज्जैन संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा दर्ज़ की गई एवं शेष सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा। पूरी खबर पढ़े….
5.उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने खोले प्रगति के द्वार
राज्य सरकार ने कृषि के साथ उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए आर्थिक मदद का मार्ग और प्रशस्त कर दिया है। इस कारण यह क्षेत्र प्रदेश के किसानों और नौजवानों के लिए अतिरिक्त आय का सशक्त माध्यम बन गए हैं। उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण के कारोबार को अपनाने से बेरोजगार युवक भी स्वावलम्बी बन रहे हैं। पूरी खबर पढ़े….
6.प्याज किसानों के लिए खबर: सरकार बांग्लादेश को निर्यात के लिए 1,650 टन प्याज खरीदेगी
सरकार की निर्यात एजेंसी नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (एनसीईएल) ने बांग्लादेश को निर्यात करने के लिए निजी व्यापारियों से 29 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज खरीदेगी। इसके लिए ट्रेडर्स से 1,650 टन प्याज की खरीद की जाएगी। यह घटनाक्रम 8 दिसंबर से 31 मार्च तक लगाए गए प्रतिबंध के बाद भारत से आधिकारिक प्याज निर्यात की बहाली का प्रतीक है। पूरी खबर पढ़े….
7.भारत में एआई को मिलेगा बढ़ावा, तीन उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना से नई तकनीक का विकास
केंद्र सरकार ने देश में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तीन उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना को मंजूरी दी है। ये केंद्र प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग भागीदारों, और स्टार्टअप्स के सहयोग से संचालित होंगे। इनका उद्देश्य अत्याधुनिक एआई अनुप्रयोगों का विकास और एआई के क्षेत्र में गुणवत्ता वाले मानव संसाधनों को तैयार करना है। पूरी खबर पढ़े….
8.केंद्र सरकार ने पंजाब में धान खरीद की व्यवस्था की मजबूत, किसानों को मिलेगा एमएसपी का त्वरित भुगतान
पंजाब में खरीफ विपणन सीजन (KMS) 2024-25 के तहत धान खरीद की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पंजाब के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर धान खरीद से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। धान खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होकर 30 नवंबर 2024 तक चलेगी। पूरी खबर पढ़े….
9.दो दिवसीय इंटरनेशनल सोया कॉन्क्लेव संपन्न
‘एडिबल ऑइल्स और प्रोटीन- विज़न 2030’ थीम पर आधारित 13 और 14 अक्टूबर को आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल सोया कॉन्क्लेव 2024 आज इंदौर में संपन्न हो गई । दूसरे दिन के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. विजय पॉल शर्मा, चेयरमैन, कृषि लागत एवं मूल्य आयोग , भारत सरकार और विशेष अतिथि राज्य के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट थे। पूरी खबर पढ़े….
10.नादानी के बांध, बैराज और तटबंध
डेढ़-दो सौ साल पहले से कहा जाने लगा है कि नेपाल से उतरने वाली नदियां बिहार में कहर ढाती हैं (हालांकि 1870 के पहले बिहार में बाढ़ को कोई नहीं जानता था) और उनसे निपटने के लिए बड़े बांध, बैराज या तटबंध अपरिहार्य हैं, तो भी क्या इन्हें ठीक-ठाक बनाया जाना जरूरी नहीं है? बाढ़ से निपटने के नाम पर क्या हो रहा है, बिहार में? पूरी खबर पढ़े….