दो दिवसीय इंटरनेशनल सोया कॉन्क्लेव संपन्न
15 अक्टूबर 2024, इंदौर: दो दिवसीय इंटरनेशनल सोया कॉन्क्लेव संपन्न – ‘एडिबल ऑइल्स और प्रोटीन- विज़न 2030’ थीम पर आधारित 13 और 14 अक्टूबर को आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल सोया कॉन्क्लेव 2024 आज इंदौर में संपन्न हो गई । दूसरे दिन के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. विजय पॉल शर्मा, चेयरमैन, कृषि लागत एवं मूल्य आयोग , भारत सरकार और विशेष अतिथि राज्य के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट थे। यह कॉन्क्लेव का सातवाँ संस्करण था, जिसका उद्देश्य सोया इंडस्ट्री से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों और नई तकनीकों पर विचार-विमर्श के अलावा भारत में सोया इंडस्ट्री की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करना था। इस मौके पर सोपा के पदाधिकारी डॉ. डेविश जैन, चेयरमैन, श्री गिरीश मतलानी, सेक्रेटरी और श्री नरेश गोयनका, डिप्टी चैयरमेन, उपस्थित थे।
श्री सिलावट ने कहा कि सोया कॉन्क्लेव का भी यह 7वाँ संस्करण है। सोया के उत्पादन के मामले में विश्व पटल पर भारत का स्थान दूसरा है। उम्मीद है कि जब हम अगले साल आठवें संस्करण का आयोजन करेंगे उस समय चीन को पीछे छोड़कर उत्पादन में भी पहले स्थान पर आ जाएँगे। सोया का संबंध उद्योगपतियों और अन्नदाताओं से ही है। जितनी बेहतर सुविधाएँ किसानों को मिलेगी, उतनी ही अच्छी इंडस्ट्री उद्योगपतियों की चलेगी। सोपा इस पूरी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
टेक्नोलॉजी सेशन में श्री अजिंक्य चामे (डीवीसी प्रोसेस टेक्नोलॉजिस्ट्स) द्वारा बायो डीज़ल प्रोसेस ऑप्टिमाइज़ेशन पर प्रेज़ेंटेशन दिया गया। दूसरा सेशन एंजाइमेटिक डिगमिंग और तेल उपज बढ़ाने के लिए नए रास्तों पर आधारित था, जिसे श्री ओरे मोरेनो (डीएसएम) ने प्रस्तुत किया। वहीं, तीसरा सेशन श्री एलेक्सी शिवचेंको (अल्फा लेवल) ने लिया, जो कि अल्फा लेवल नावेल डिऑडराइज़ेशन पर आधारित था।
नीतिगत मुद्दों पर विचार-विमर्श पर आधारित सेशन के साथ ही प्राइस आउटलुक सेशन और मार्केट आउटलुक सेशन कॉन्क्लेव में विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। सेशन का संचालन मनीषा गुप्ता, सीएनबीसी आवाज़, ने किया। वहीं, पैनलिस्ट्स के रूप में श्री संजय श्रीश्रीमाल , श्री संजीव अस्थाना, श्री ए. जानकी रमन, श्री मेहुल अग्रवाल, श्री संदीप गुहा, श्री सुधाकर देसाई, श्री विवेक पाठक, श्री अजय परमार, श्री अमित जैन और श्री अतुल मुंद्रा शामिल रहे। मार्केट आउटलुक सेशन के अंतर्गत श्री विवेक पाठक (अथीना ट्रेडविंड्स) ने सोयाबीन ऑइल पर फंडामेंटल आउटलुक विषय पर प्रेज़ेंटेशन में बताया कि पिछली तिमाही में बाजार की अस्थिरता में भू-राजनीतिक तनाव, मौसम की परिस्थितियाँ और माँग के उतार-चढ़ाव के पैटर्न मुख्य कारक हैं। पाम ऑइल, सोयाबीन ऑइल और सनफ्लॉवर ऑइल पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिसमें से पाम ऑइल की लागत उच्चतम है। वहीं, श्री के.एन. रहमान (ग्रीनलीफ रिसर्च) ने सोयाबीन पर फंडामेंटल आउटलुक के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु साझा किए। उन्होंने बताया कि वैश्विक खपत में 62% हिस्सेदारी के साथ सोयाबीन अग्रणी है। वैश्विक तेल उत्पादन में सोया ऑइल की हिस्सेदारी पाम ऑइल के बाद 28% है। अगले वर्ष विश्व भोजन उत्पादन में 1 एमएमटी की वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके बाद क्रॉप आउटलुक सेशन के दौरान सोपा द्वारा प्रस्तुत सोयाबीन फसल अनुमानों के साथ व्यापार और उद्योग से फसल आँकड़े साझा किए गए।
सोपा द्वारा किए गए सर्वे में सोयाबीन उत्पादन के प्रथम अनुमान आंकड़े जारी करते हुए सोपा के कार्यकारी निदेशक श्री डी एन पाठक ने बताया कि इस खरीफ सत्र में पूरे भारत में 125.817 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन होगा ,जो कि गत वर्ष से 5.96 % अधिक रहेगा। इस वर्ष प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 1063 किग्रा रहेगी, जो कि गत वर्ष 1002 किग्रा / हेक्टेयर थी।
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