ओडिशा से पहली बार विदेश गया मुनगा, दुबई पहुंचा परवल
04 अप्रैल 2025, भुवनेश्वर: ओडिशा से पहली बार विदेश गया मुनगा, दुबई पहुंचा परवल – ओडिशा के रायगड़ा जिले से सहजन (मुनगा) की पहली अंतरराष्ट्रीय खेप निर्यात की गई है। इसके साथ ही राज्य से दुबई के लिए परवल भी भेजा गया है। यह 910 किलो की खेप भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (BPIA) से रवाना की गई।
सहजन को दुनियाभर में एक ‘सुपरफूड’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। ओडिशा में उगाया जाने वाला सहजन खास तौर पर अपनी औषधीय गुणों और पोषण क्षमता के लिए पसंद किया जाता है, क्योंकि यहां की जलवायु इसे और प्रभावी बनाती है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इसकी काफी मांग है, जिससे यह एक मुनाफेदार निर्यात उत्पाद बन चुका है।
चालू वित्तीय वर्ष की शुरुआत से अब तक ओडिशा 52 मीट्रिक टन से ज़्यादा ताज़े फल और सब्ज़ियां निर्यात कर चुका है। इनमें आम, भिंडी, करेला, कुंदरू, लंबी फली, हरा पपीता और ड्रैगन फ्रूट शामिल हैं। यह सारी उपज राज्य के 20 से अधिक किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) से प्राप्त हुई है।
यह उपलब्धि कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग, ओडिशा सरकार द्वारा चलाए जा रहे PSFPO (Promotion and Stabilization of Farmer Producer Organizations) प्रोजेक्ट की देन है, जिसे गेट्स फाउंडेशन का सहयोग प्राप्त है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत FPOs को मार्केट-फोकस्ड ट्रेनिंग, तकनीकी सहायता और बिज़नेस ग्रोथ के लिए हरसंभव सपोर्ट दिया जा रहा है। रायगड़ा स्थित स्वर्णज्योति फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने इस खेप का नेतृत्व किया, जो हर्षा ट्रस्ट द्वारा प्रोमोटेड है और NABARD द्वारा समर्थित है।
PSFPO प्रोजेक्ट के टेक्निकल सपोर्ट यूनिट की भूमिका निभा रही पैलेडियम संस्था ने सरकार के साथ मिलकर APEDA, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) और प्रमुख निर्यातकों के साथ साझेदारी स्थापित की है। इन प्रयासों से FPOs को नए बाज़ार मिले हैं, किसानों को 40-60% तक बेहतर दाम मिलने लगे हैं और ओडिशा को एक उभरता हुआ एग्री-एक्सपोर्ट हब बनाया जा रहा है।
APEDA के ईस्ट रीजनल डायरेक्टर, सुतकांत मंडल ने कहा, “रायगड़ा से हुआ यह निर्यात ओडिशा के किसानों और FPOs को वैश्विक सप्लाई चेन से जोड़ने की दिशा में बड़ी छलांग है। सरकार का लक्ष्य है कि कृषि निर्यात से किसानों की आय में बड़ा इजाफा हो।”
ओडिशा सरकार ने एग्री-एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कोल्ड स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स पर ज़ोर दिया है। नई कोल्ड स्टोरेज नीति के तहत जलवायु-अनुकूल और सौर ऊर्जा से चलने वाले कोल्ड स्टोरेज की स्थापना पर 70% तक की सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा निजी उद्यमियों और निर्यातकों के साथ एमओयू भी साइन किए गए हैं ताकि वैल्यू-चेन और एक्सपोर्ट को बेहतर बनाया जा सके।
NABARD के CGM एसके तालुकदार ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय मांग और गुणवत्ता के अनुसार फसलें चुनना और उन्हें बाज़ार से जोड़ना किसानों की आय बढ़ाने का सबसे असरदार तरीका है।” उन्होंने कहा कि FPOs इस दिशा में अहम भूमिका निभा रहे हैं और NABARD FPOs के साथ मिलकर काम कर रहा है।
पैलेडियम की प्राइवेट सेक्टर एंगेजमेंट स्पेशलिस्ट, देबरती घाटक ने कहा, “यह उपलब्धि सिर्फ निर्यात नहीं है, बल्कि किसानों के लिए एक टिकाऊ और लाभदायक मॉडल तैयार करने का कदम है।” उन्होंने कहा कि पैलेडियम उत्पादन की गुणवत्ता, वैल्यू-एडिशन और सप्लाई चेन को बेहतर बनाकर ओडिशा की कृषि को वैश्विक बाज़ार से जोड़ने में जुटा है।
मौजूदा आम सीजन में पैलेडियम, PSFPO प्रोजेक्ट के तहत कृषि और MSME विभाग, APEDA और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के साथ मिलकर ओडिशा से आम के निर्यात को भी बढ़ाने पर काम कर रहा है। इसके लिए FPOs को हर स्तर पर सहयोग और ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वो इंटरनेशनल मार्केट में अपनी जगह बना सकें।
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