राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

मंत्री शिवराज सिंह ने ओडिशा के ‘बाजरा मिशन’ की तारीफ की, बोले- अन्य राज्य भी अपनाएं यह मॉडल

12 नवंबर 2025, नई दिल्ली: मंत्री शिवराज सिंह ने ओडिशा के ‘बाजरा मिशन’ की तारीफ की, बोले- अन्य राज्य भी अपनाएं यह मॉडल – केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भुवनेश्वर के लोक सेवा भवन स्थित कन्वेंशन सेंटर में “मंडिया दिवस” (बाजरा दिवस) समारोह का उद्घाटन किया और भारत के बाजरा आंदोलन को जन-जन के मिशन में बदलने में ओडिशा के अनुकरणीय योगदान पर प्रकाश डाला।

अपने उद्घाटन भाषण में, चौहान ने कहा, “मंडिया दिवस केवल उत्सव का दिन नहीं है, यह श्री अन्न को बढ़ावा देने के एक सार्थक अभियान का प्रतिनिधित्व करता है।” उन्होंने कहा, “कई लोगों ने इसके बारे में बात की है, लेकिन ओडिशा ने वास्तव में इस कल्‍पना को साकार किया है। मैं इस उल्लेखनीय प्रयास के लिए ओडिशा सरकार को तहे दिल से बधाई देता हूँ।”

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बाजरे की खेती से किसानों को लाभ और रोजगार

उन्होंने ज़ोर देकर कहा किअन्न केवल एक अनाज नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पोषण, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “बाजरा शरीर और पृथ्वी, दोनों का पोषण करता है। प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, बाजरे को अब वैश्विक मान्यता मिल गई है।”

 चौहान ने ज़ोर देकर कहा कि बाजरे के पोषण और पारिस्थितिकीय मूल्य के बारे में जागरूकता लोगों तक पहुँचनी चाहिए। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ़ भाषणों से हासिल नहीं की जा सकती। हमें किसानों और नागरिकों से सीधे जुड़ना होगा, श्री अन्न के बारे में जागरूकता फैलानी होगी और बाजरा-आधारित आजीविका को मज़बूत करना होगा।”

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उन्होंने वैज्ञानिकों से अनुसंधान और प्रसंस्करण तकनीकों पर ध्यान केन्‍द्रित करने का आग्रह किया और कहा कि बाजरे की खेती अन्य फसलों की तुलना में लागत प्रभावी है। उन्होंने कहा, “बाजरे की मूल्य श्रृंखला में प्रसंस्करण सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। मैं ओडिशा की सराहना करता हूं कि उसने न केवल बाजरे के प्रचार-प्रसार में बल्कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर श्री अन्न की खरीद में भी देश को दिशा दिखाई है। ओडिशा एक प्रेरक उदाहरण है।”

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महिलाओं के बिना कृषि प्रगति नहीं कर सकती- शिवराज सिंह

पोषण योजनाओं में बाजरे को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि बाजरे को बच्चों के मध्याह्न भोजन में शामिल किया जाना चाहिए और सभी सरकारी विभागों में बाजरे की दुकानें खोली जानी चाहिए, ताकि अन्य राज्य ओडिशा के मॉडल का अनुकरण कर सकें। उन्होंने ओडिशा में महिला किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना करते हुए कहा, “महिलाओं के बिना कृषि प्रगति नहीं कर सकती। ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ी हैं और खेती में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।”

प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए, ओडिशा के मुख्यमंत्री  मोहन चरण माझी ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी के मार्गदर्शन में, देश ने कई कृषि योजनाओं के सफल कार्यान्वयन को देखा है जिससे लाखों किसानों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा, “खेती ओडिशा की अर्थव्यवस्था का आधार है। राज्य सरकार के मार्गदर्शन में हमारे किसान भाई-बहनों ने बहुत प्रगति की है। पोषक तत्वों से भरपूर बाजरा स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट दोनों है, और बाजरा मिशन के माध्यम से, ओडिशा के छोटे और महिला किसान तेजी से प्रगति कर रहे हैं।”

कार्यक्रम में ओडिशा के उप मुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव, अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान की महानिदेशक डॉ. यवोन पिंटो, विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और एमएस स्वामीनाथन रिसोर्स फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. सौम्या स्वामीनाथन, विश्व खाद्य कार्यक्रम की भारत में कंट्री डायरेक्टर मिस एलिजाबेथ फॉरे, ओडिशा सरकार के कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग के प्रधान सचिव डॉ. अरबिंद कुमार पाधी, कृषि एवं कृषक सशक्तिकरण विभाग के निदेशक  शुभम सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक और शोधकर्ता उपस्थित थे।

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