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म.प्र. में स्व-सहायता समूहों से महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने हुआ अभूतपूर्व कार्य : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु

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देश के विकास में मध्यप्रदेश की महिलाओं का अमूल्य योगदान

16 नवम्बर 2022, भोपाल: म.प्र. में स्व-सहायता समूहों से महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने हुआ अभूतपूर्व कार्य : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु – राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। यहाँ लगभग 42 लाख महिलाएँ स्व-सहायता समूहों से जुड़ कर आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त हुई है। इन महिलाओं को सरकार के माध्यम से कृषि एवं गैर कृषि कार्यों के लिए 4 हजार 157 करोड़ रूपये का बैंक ऋण दिलवाया गया है। प्रदेश में ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना द्वारा इनके उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुँचाया गया है। आजीविका मार्ट पोर्टल से 535 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य के उत्पादों की ब्रिकी हुई है। प्रदेश में लगभग 17 हजार महिलाएँ पंचायत प्रतिनिधि बनी हैं। यहाँ कुछ महिलाओं द्वारा अपनी सफलता के अनुभव सुनाए गये हैं, जो प्रेरणादायक हैं। मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूह ने जन-आंदोलन का रूप ले लिया है। सभी महिलाओं के प्रयास और सरकार के सहयोग से यह संभव हो पाया है। इसके लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, मध्यप्रदेश सरकार सहित महिलाएँ सभी बधाई के पात्र है। मैं आज यहाँ आकर अभिभूत और आश्चर्यचकित हूँ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष मनाने की घोषणा की है।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि देश के विकास में मध्यप्रदेश की महिलाओं का अमूल्य योगदान रहा है। वीरांगना दुर्गाबाई, अहिल्याबाई, अवंतीबाई और कमलाबाई की गौरव गाथा हमारी विरासत है। वर्तमान समय में श्रीमती सुमित्रा महाजन, जनजातीय चित्रकार श्रीमती भूरी बाई, श्रीमती दुर्गाबाई व्याम और रतलाम की मदर टेरेसा कहीं जाने वाली डॉ. लीला जोशी महत्वपूर्ण नाम है। मुझे इन्हें पद्मश्री सम्मान देने का अवसर मिला।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आप लोगों को मेरे जीवन की एक झलक बताई है। मेरे जीवन का यह अनुभव रहा है कि यदि मेहनत, लगन, सच्चाई और सफाई के साथ कार्य किया जाए तो आप निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगे और सफल होंगे। मैंने अपने जीवन में यह अपनाया है। मैंने वार्ड मेम्बर के रूप में अपना कार्य शुरू किया तब यह नहीं सोचा था कि मैं राष्ट्रपति बनूंगी। मैने हमेशा अपने कार्य को महत्व दिया। कभी पद के बारे में नहीं सोचा।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में सरकार के प्रयासों से महिलाएँ स्व-सहायता समूहों से जुड़ कर कृषि और गैर कृषि आधारित 100 से अधिक प्रकार की आजीविका गतिविधियाँ सफलतापूर्वक कर रही हैं। परिवार के सदस्यों को भी रोज़गार उपलब्ध करा रही हैं। प्रदेश में विगत 2 वर्षों में स्व-सहायता समूहों के अलावा उनके परिवार के एक लाख से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबके साथ, सबके विश्वास के साथ हो रहे विकास के प्रयासों के इस नए दौर में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारी शक्ति का परचम लहरा रहा है। महिला सशक्तिकरण के इस नए युग में महिलाएँ प्रतिरक्षा से लेकर उद्योग, व्यवसाय सभी क्षेत्रों में सफलता से कार्य कर रही है।

महिला सशक्तिकरण की प्रतीक है राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं। उनका व्यक्तित्व गर से गहरा और हिमालय से ऊँचा है। उनका सहज, सरल स्वभाव धैर्य और व्यक्तित्व अनुकरणीय है। उनका जीवन हमें प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी बहनें अबला नहीं सबला है और अनंत शक्तियों का भंडार हैं। इन्हें जो भी काम दिया गया, उसे उन्होंने पूरी मेहनत के साथ किया है। स्व-सहायता समूहों के साथ जुड़ कर हमारी दीदियों ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है, चमत्कार किया है। हाल ही में स्थानीय पंचायत एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में 17 हजार दीदियाँ चुनाव जीत कर आयी हैं। स्व-सहायता समूह से जुड़कर महिलाएँ आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो रही है। बड़ी संख्या में महिलाएँ लखपति क्लब में शामिल हो रही है, जिनकी आय एक लाख सालाना से अधिक हो गयी है।

महिला सशक्तिकरण बना जन-आंदोलन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण ने जन-आंदोलन का रूप ले लिया है। सरकार उनके सशक्तिकरण के हर संभव प्रयास कर रही है। मध्यप्रदेश में हमने सबसे पहले स्थानीय चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर उनका संबल बढ़ाया है। इसी प्रकार पुलिस भर्ती में भी हमने अपनी बेटियों के लिये 30 प्रतिशत और शिक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की है। शहडोल के कावेरी स्व-सहायता समूह की सुश्री फूलवती और गुना के सहयोग स्व-सहायता समूह की सुश्री अनीता पटेलिया ने अपने अनुभव साझा किए। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को सुश्री फूलवती सिंह ने गोंडी चित्रकला से सुसज्जित शॉल और सुश्री अनीता ने समूह द्वारा निर्मित रेशम की ज्वेलरी भेंट की।

सम्मेलन में केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा, प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य , भोपाल महापौर श्रीमती मालती राय, खजुराहो सांसद श्री वी.डी शर्मा और स्व-सहायता समूह की 15 हजार महिलाएँ उपस्थित थी। सभी संभागीय एवं जिला मुख्यालयों से भी समूह की महिला सदस्य सम्मेलन से वर्चुअली जुड़ी।

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