जाने DAP सब्सिडी का पूर्ण ब्यौरा
10 अगस्त 2024, नई दिल्ली: जाने DAP सब्सिडी का पूर्ण ब्यौरा – किसानों को सस्ते मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर विशेष पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के तहत डीएपी को रियायती दरों पर किसानों तक पहुंचाने की तैयारी की गई है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी।
सरकार ने फास्फेट और पोटाश युक्त (पीएंडके) उर्वरकों के लिए पोषक-तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना पहले से ही लागू की है। इस योजना के तहत उर्वरकों में निहित पोषक-तत्वों के आधार पर सब्सिडी दी जाती है, जिससे उर्वरक कंपनियां बाजार की गतिशीलता के अनुसार अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय करती हैं।
हालांकि, भू-राजनीतिक स्थितियों के चलते 2024-25 में डीएपी की खरीद में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। इसके समाधान के लिए सरकार ने 1 अप्रैल 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक डीएपी पर 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से विशेष पैकेज मंजूर किया है। इससे सुनिश्चित होगा कि किसानों को डीएपी की उपलब्धता सस्ती दरों पर बनी रहे।
उर्वरकों के सतत और संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने “पीएम-प्रणाम” योजना भी शुरू की है। इस योजना के तहत, रासायनिक उर्वरकों की खपत में कमी लाने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनुदान के रूप में सब्सिडी का हिस्सा दिया जाएगा। वर्तमान में, किसानों को यूरिया 45 किलोग्राम के बैग के लिए 242 रुपये की अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें नीम कोटिंग और करों के अतिरिक्त शुल्क शामिल नहीं हैं। यूरिया की लागत और बाजार से प्राप्त होने वाली राशि के बीच के अंतर को सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिया जा रहा है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने प्रमुख फसल प्रणालियों के तहत विभिन्न मिट्टी के प्रकारों में रासायनिक उर्वरकों के दीर्घकालिक उपयोग के प्रभाव का मूल्यांकन किया है। पिछले कुछ दशकों में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि केवल एनपीके प्रणाली (केवल रासायनिक उर्वरक) सूक्ष्म और द्वितीयक पोषक तत्वों की कमी के मामले में पोषण संबंधी विकार पैदा करती है जो मिट्टी के स्वास्थ्य और फसल उत्पादकता को प्रभावित करती है। इसलिए, ICAR अकार्बनिक और जैविक दोनों स्रोतों के संयुक्त उपयोग के माध्यम से मिट्टी परीक्षण आधारित संतुलित और एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन प्रथाओं की सिफारिश करता है।
जैविक उर्वरकों को प्रोत्साहन देने के लिए 1,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से बाजार विकास सहायता (एमडीए) भी मंजूर की गई है। इस पहल का उद्देश्य गोबरधन योजना के तहत उत्पादित खाद को बढ़ावा देना है।
यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।
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