राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत का रासायनिक और पेट्रोकेमिकल उद्योग 2028 तक $300 बिलियन का लक्ष्य, 2040 तक $1 ट्रिलियन का अनुमान

21 अक्टूबर 2024, मुंबई: भारत का रासायनिक और पेट्रोकेमिकल उद्योग 2028 तक $300 बिलियन का लक्ष्य, 2040 तक $1 ट्रिलियन का अनुमान –  तीन दिवसीय कार्यक्रम ‘इंडिया केम-2024’ का मुंबई में सफल समापन हो गया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने मुख्य सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का रासायनिक और पेट्रोकेमिकल उद्योग 2028 तक 300 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर सकता है और 2040 तक 1 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल कर सकता है। उन्होंने इस क्षेत्र की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा।

रसायन उद्योग में नवाचार और निवेश पर ज़ोर

श्री नड्डा ने रासायनिक उद्योग में आयात पर निर्भरता कम करने और वैकल्पिक फीडस्टॉक्स पर जोर देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने उद्योग को सर्कुलर अर्थव्यवस्था और हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि सरकार उद्योग में नवाचार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नीतिगत सुधार कर रही है।

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कार्यक्रम में गुजरात, ओडिशा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने-अपने राज्यों में रासायनिक उद्योग के विकास पर प्रकाश डाला। गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के रासायनिक निर्यात में नेतृत्व की बात कही, वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन माझी ने राज्य की रणनीतिक स्थिति और बुनियादी ढांचे पर ध्यान आकर्षित किया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने अपने राज्य में रासायनिक उद्योग के विस्तार और रोजगार के नए अवसरों की जानकारी दी।

भारत सरकार की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री सुश्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि भारत का रासायनिक क्षेत्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का बड़ा आकर्षण बना हुआ है। पिछले दशक में इस क्षेत्र ने 12.48 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आकर्षित किया है, जिससे इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ी है। भारत में रासायनिक उद्योग अब वैश्विक मानकों को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा है।

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2047 तक विकसित भारत’ की ओर रसायन उद्योग की भूमिका

रसायन एवं पेट्रोकेमिकल विभाग की सचिव सुश्री निवेदिता वर्मा ने बताया कि ‘एडवांटेज भारत’ थीम के तहत सरकार रेलवे, सड़क, बंदरगाह और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। यह सभी उपाय न केवल उत्पादन क्षमता बढ़ाएंगे, बल्कि निर्यात को भी नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे। उन्होंने विभाग की नीतिगत पहलों जैसे उत्कृष्टता केंद्र योजना और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का भी उल्लेख किया।

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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि भारत में प्रति व्यक्ति पेट्रोकेमिकल्स की खपत विकसित देशों से काफी कम है, जिससे इस क्षेत्र में भारी निवेश के अवसर हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में भारतीय कंपनियों ने 50 बिलियन डॉलर से अधिक के निवेश की योजना बनाई है, जिससे 2030 तक देश का पेट्रोकेमिकल उत्पादन 46 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है।

‘इंडिया केम-2024’ के दौरान विभिन्न देशों के साथ रासायनिक और पेट्रोकेमिकल्स पर कई महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए। इनमें भारत-यूरोपीय संघ, भारत-पूर्वी एशिया और भारत-अमेरिका फोरम शामिल थे, जिनमें निवेश रुझानों और नियामक ढांचे पर चर्चा की गई। इस प्रदर्शनी में बेलारूस, जर्मनी, नीदरलैंड सहित 22 देशों ने भाग लिया।

रोजगार मेला: छात्रों को मिला उद्योग जगत से जुड़ने का मौका

कार्यक्रम के अंतिम दिन एक रोजगार मेले का आयोजन भी हुआ, जिसमें प्रमुख रासायनिक कंपनियों ने भाग लिया। केंद्रीय प्लास्टिक अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थान (CIPET) के छात्रों को इस मेले में करियर की संभावनाओं को तलाशने का अवसर मिला।

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