₹20 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है भारत का कृषि-मत्स्य निर्यात: पीयूष गोयल
12 जुलाई 2025, नई दिल्ली: ₹20 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है भारत का कृषि-मत्स्य निर्यात: पीयूष गोयल – केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को नई दिल्ली में “आईसीसी: कृषि विक्रम” विषय पर हुई चर्चा के दौरान कहा कि भारत का कृषि और मछली (मत्स्य) निर्यात अब ₹4.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि अगर देश में खाने की चीजों को बेहतर तरीके से प्रोसेस किया जाए और उनकी पैकेजिंग व ब्रांडिंग सुधारी जाए, तो यह निर्यात ₹20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है।
उन्होंने बताया कि अब पारंपरिक रूप से निर्यात न होने वाले उत्पाद जैसे जामुन, लीची, लौकी और अनानास भी अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में पहुंच रहे हैं। जैसे, पंजाब से लीची दुबई और दोहा भेजी गई है, जबकि जामुन यूके को निर्यात हुआ है। भारत का कृषि निर्यात दायरा अब गल्फ देशों, यूएई और सऊदी अरब तक फैल रहा है।
टिकाऊ और प्राकृतिक खेती पर ज़ोर
मंत्री ने कहा कि भारत को बीज से लेकर सिंचाई उपकरणों तक आत्मनिर्भर बनना होगा। बूंद-बूंद सिंचाई और जल संरक्षण को जन आंदोलन की तरह अपनाना होगा ताकि कम पानी में बेहतर उत्पादन हो सके। उन्होंने स्मार्ट, कम ऊर्जा वाले पंपों और मोबाइल-नियंत्रित सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देने की बात भी कही।
इस दौरान, गोयल ने प्राकृतिक व जैविक खेती की संभावनाओं पर जोर दिया और बताया कि सरकार ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए जैविक उत्पादों की प्रमाणिकता को सुनिश्चित कर रही है। इससे वैश्विक बाज़ार में इनकी विश्वसनीयता और मांग बढ़ेगी।
मसाले, कॉफी और हल्दी पर फोकस
उन्होंने बताया कि कॉफी का निर्यात दोगुना हुआ है और मसाले निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हल्दी बोर्ड का गठन किया गया है। सरकार मसालों और अन्य फसलों के निर्यात में विविधता लाना चाहती है।
किसानों को राहत और समर्थन
गोयल ने कहा कि सरकार ने उर्वरक की कीमतों को नहीं बढ़ने दिया और आगे भी नहीं बढ़ने देगी। इसके लिए सरकार हजारों करोड़ की सब्सिडी देती है ताकि किसानों पर बोझ न बढ़े। पीएम-किसान योजना के तहत हर किसान को सालाना सहायता मिलती है, और कृषि अवसंरचना कोष के ज़रिए ₹1 लाख करोड़ का निवेश किया जा रहा है।
डिजिटल और तकनीकी पहल
देश की 1,400 मंडियों को ई-नाम से जोड़ा गया है। किसान उत्पादक संगठनों के ज़रिए मशीनीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। ड्रोन दीदी योजना के तहत 1.5 लाख महिलाओं को ड्रोन से उर्वरक छिड़काव का प्रशिक्षण दिया गया है।
खेती अब ग्लोबल ताकत बन सकती है
मंत्री ने कहा कि किसान, उद्योग और निर्यातक मिलकर कृषि को वैश्विक सफलता की कहानी बना सकते हैं। सरकार किसानों की आय और उत्पादकता दोनों बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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