आलू के उत्पादन में भारत नंबर वन, लेकिन किसान करें ऐसे प्रबंधन
11 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: आलू के उत्पादन में भारत नंबर वन, लेकिन किसान करें ऐसे प्रबंधन – आलू के उत्पादन में भारत नंबर वन है और जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार भारत देश में हर वर्ष आलू का उत्पादन 5.50 करोड़ टन होता है. यही कारण है कि विश्व भर में भारत आलू के उत्पादन में नंबर वन बना हुआ है. हालांकि आलू उत्पादक किसानों को कई बार परेशानी का सामना भी करना होता है क्योंकि फसल की खुदाई और खुदाई की प्रक्रिया को कई किसान सही तरीके से संपन्न नहीं करते है.
कृषि वैज्ञानिकों की यदि माने तो भारत में खुदाई के बाद 15-20 फीसदी तक आलू खराब हो जाता है. इसलिए, फसल प्रबंधन जितना अहम है, उतना ही जरूरी खुदाई के बाद प्रबंधन भी है. आलू की खुदाई और भंडारण में थोड़ी सी सावधानी बरतकर किसान भारी नुकसान से बच सकते हैं. इससे आलू की क्वालिटी बनी रहती है और किसानों को बेहतर दाम मिलते हैं. आलू अनुसंधान केंद्र, रीजनल सेंटर मेरठ के प्रमुख डॉ. राजेश कुमार सिंह के अनुसार, उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में उगाए जाने वाले आलू की विशेष देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि कटाई के बाद यहां अधिक गर्मी पड़ती है और फिर मॉनसूनी बारिश होती है. उन्होंने बताया कि आलू के बेहतर भंडारण के लिए इसकी खुदाई सही समय पर और उचित तरीके से की जानी चाहिए. आलू की खुदाई से 10-15 दिन पहले सिंचाई बंद कर देनी चाहिए, जिससे कंदों का छिलका सख्त हो जाए और खुदाई के दौरान छिलका न टूटे. इससे भंडारण की क्वालिटी भी बेहतर बनी रहती है. जब आलू के पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगें, तो खुदाई से 10 दिन पहले तनों और पत्तियों को काट देना चाहिए, ताकि कंदों का छिलका और अधिक मजबूत हो सके. आलू की खुदाई मैन्युअल या यांत्रिक उपकरणों की मदद से की जाती है, और इस दौरान कंदों को कटने या खरोंच से बचाने का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि कटे-फटे कंद भंडारण के दौरान जल्दी सड़ने लगते हैं. किसानों को 90 दिन वाली फसल की खुदाई 15 मार्च तक पूरी करने की कोशिश करनी चाहिए.
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