राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत खाद्यान निर्यातक देश बन के उभरा है: सुश्री करंदलाजे

28 जुलाई 2021, नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन 2021 के “टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए खाद्य प्रणालियों में बदलाव: बढ़ती चुनौती” पर पूर्व-शिखर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन ने हमें अपनी खाद्य प्रणालियों को आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ प्रणालियों में बदलने और उसके लिए राष्ट्रीय नीति की रुप रेख तय करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।

सम्मेलन के दौरान उन्होंने भारत द्वारा कृषि-खाद्य प्रणालियों को टिकाऊ व्यवस्था में बदलने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे जानकारी दी। इसके तहत किसानों को आय सहायता प्रदान करना, ग्रामीण आय में सुधार करना, साथ ही देश में अल्प पोषण और कुपोषण जैसी चुनौतियों का समाधान करने जैसे उपाय शामिल है।”

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कृषि क्षेत्र के महत्व पर जोर देते हुए सुश्री करंदलाजे ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि विकासशील देशों में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन और हमारी पृथ्वी के लिए एक टिकाऊ भविष्य हासिल करने में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत में कृषि क्षेत्र की एक बेहद सफल कहानी रही है। 1960 के दशक में हरित क्रांति ने भारत को हर साल खाद्यान्न की कमी का सामना करने वाले देश की जगह आज खाद्यान्न निर्यातक देश बना दिया।

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सुश्री करंदलाजे ने कहा कि भारत ने आने वाले वर्षों में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृषि क्षेत्र में बेहद महत्वाकांक्षी सुधारों की शुरुआत की है। हाल के दिनों में कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण भारत के कृषि क्षेत्र ने महामारी के संकट में भी बेहद अच्छा प्रदर्शन किया है और खाद्यान्न उत्पादन पहले के रिकॉर्ड स्तर को भी पार कर गया है। भारत सरकार ने 14 बिलियन अमरीकी डालर का एक समर्पित कृषि अवसंरचना कोष बनाया है। जिसका उद्देश्य उद्यमियों को ब्याज में छूट और क्रेडिट गारंटी प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में फार्म गेट और कृषि उत्पादों के लिए मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर ढांचा बनाना है। जो फसल के बाद के नुकसान को सीधे कम करने में मदद करेगा और इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।

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उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य देशों को वर्ष 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया। मंत्री ने सम्मेलन में भरोसा दिलाया कि भारत टिकाऊ विकास लक्ष्यों 2030 को हासिल करने के लिए अपनी कृषि-खाद्य प्रणालियों में सतत बदलाव लाने और उसे टिकाऊ प्रणाली बनाने के प्रयास लगातार करता रहेगा।

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