राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री को किसान किस तौर से याद करेंगे? जानिए उनके कार्यकाल की बड़ी चुनौतियाँ एवं उपलब्धियाँ

16 दिसम्बर 2023, नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री को किसान किस तौर से याद करेंगे? जानिए उनके कार्यकाल की बड़ी चुनौतियाँ एवं उपलब्धियाँ – पूर्व केंद्रीयकृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल ही में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारी बहुमतों से जीत हासिल कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को कृषि मंत्री पद से इस्तीफा दिया।

पूर्व कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वर्ष 2019 में कृषि मंत्री पद का कार्यभार संभाला था। उन्होंने कृषि मंत्री पद पर कार्यरत रहकर किसानों के हितों में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में किन बड़ी चुनौतियों का सामना किया हैं व कृषि क्षेत्र में किन उपलब्धियों को हासिल किया हैं। ये सभी चुनौतियों व उपलब्धियों इस प्रकार हैं।

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बजट आवंटन में अभूतपूर्व वृद्धि

श्री तोमर के कार्यकाल में सबसे बड़ी उपलब्धि कृषि बजट मे हुई हैं। इससे पहले कृषि विभाग के लिए कभी इतना बजट नहीं दिया गया था। लेकिन श्री तोमर के कार्यकाल में कृषि के लिए वर्ष 2023-24 में 115531.79 करोड़ रूपये का बजट दिया गया। वर्ष 2013-14 में कृषि विभाग का बजट आवंटन केवल 21933.50 करोड़ था।

रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन

श्री तोमर के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र ने खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड दर्ज किया हैं। देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2013-14 में 265.05 मिलियन टन था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 330.53 मिलियन टन  हो गया हैं, जो अब तक का सबसे अधिक खाद्यान्न उत्पादन है। बागवानी उत्पादन 350.87 मिलियन टन था जो भारतीय बागवानी के लिए अब तक का सबसे अधिक है।

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कृषि क़ानून

केंद्र सरकार ने नए कृषि कानून बनाए । मुख्य रूप से कृषि कानूनों में तीन एक्ट बनाए गए, जिनमें पहला है कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम -2020, दूसरा कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और तीसरा आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020।  लेकिन इन्हीं तीन कानूनों को वापस लेने के लिए किसानों ने आंदोलन किया गया। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया और सभी संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इन कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया ।

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उत्पादन लागत का डेढ़ गुना किया एमएसपी

धान का एमएसपी 2013-14 में 1310 रुपये प्रति क्विंटल था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 21.83 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इसके अलावा गेहूं का एमएसपी 2013-14 में 1400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2023-24 में 22,75 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।

पीएम किसान के जरिए किसानों को आय सहायता

2019 में पीएम-किसान की शुरूआत – एक आय सहायता योजना जो 3 समान किस्तों में प्रति वर्ष 6000 रुपये प्रदान करती है। अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक जारी किए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई)

पीएमएफबीवाई योजना 2016 में लॉन्च की गई थी। कार्यान्वयन के पिछले 7 वर्षों में – 48.76 करोड़ किसान के आवेदन नामांकित हुए और 14.79 करोड़ (अनंतिम) किसान आवेदकों से 1,41,948 करोड़ रुपये से अधिक के दावे प्राप्त हुए हैं। इस अवधि के दौरान किसानों द्वारा अपने हिस्से के प्रीमियम के रूप में लगभग 29,106 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिसके विरुद्ध उन्हें 1,41,948 करोड़ रुपये (अनंतिम) से अधिक दावों का भुगतान किया गया है। इस प्रकार किसानों द्वारा भुगतान किए गए प्रत्येक 100 रुपये के प्रीमियम के लिए, उन्हें दावों के रूप में लगभग 488 रुपये प्राप्त हुए हैं।

हालांकि बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने जोखिम और वित्तीय बाधाओं के बारे में धारणा जैसे अपने स्वयं के कारणों से कुछ सीज़न के लिए इसे लागू करने के बाद योजना से बाहर निकलने का विकल्प चुना हैं।

किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराना

पोषक तत्वों के अधिकतम उपयोग के लिए वर्ष 2014-15 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की गई थी। किसानों को बड़ी संख्या में कार्ड जारी किए गए हैं।

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पहले चरण (2015 से 2017) में किसानों को 10.74 करोड़ कार्ड उपलब्ध करायें गये। दूसरे चरण (2017 से 2019) में किसानों को 12.19 करोड़ कार्ड, आदर्श ग्राम कार्यक्रम (2019-20) के तहत 23.71 लाख और वर्ष 2020-21 में- 11.52 लाख कार्ड किसानों को उपलब्ध कराये गए।

कृषि वस्तुओं का निर्यात बढ़ा

देश में कृषि और संबद्ध वस्तुओं के निर्यात में जोरदार वृद्धि देखी गई है। पिछले वर्ष 2021-22 की तुलना में कृषि और संबद्ध निर्यात 2021-22 में 50.24 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 53.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, यानी 5.79% की वृद्धि हुई हैं।

भारत सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल कर रहा हैं। ऐसे ही कृषि क्षेत्र में भी भारत निरंतर आगे बढ़ा रहा है और किसानों की मदद करने के लिए समय-समय पर नई कृषि योजनांए भी लेकर आया हैं। लेकिन अब देखना यह हैं कि क्या नवनियुक्त केंद्रीय कृषि मंत्री श्री अर्जुन मुंडा कृषि क्षेत्र में क्या नई पहल करते हैं। क्या नए कृषि मंत्री किसानों की आय दुगुनी कर पायेंगे?…किसानों से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकाल पायेंगे? ये देखना काफी रोचक होगा की नवयुक्त सरकार अपने कार्यकाल में किसानों के हितों में क्या-क्या कार्य करती हैं।

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