राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

केंद्रीय कृषि मंत्री ने गिनाई सौ दिन उपलब्धियां

21 सितम्बर 2024, इंदौर: केंद्रीय कृषि मंत्री ने गिनाई सौ दिन उपलब्धियां – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित पत्रकार वार्ता में केंद्र सरकार द्वारा पिछले 100 दिनों में किसानों के हित में कृषि विकास की 6 सूत्रीय रणनीति , निर्णयों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी। इनमें 65 फसलों की जलवायु अनुकूल, कीट प्रतिरोधी, अधिक उत्पादन देने वाली 109 किस्मों के बीज जारी करना , डिजिटल कृषि मिशन को लांच करना ,नेशनल पेस्ट सर्विलांस का उपयोग शुरू होगा, अक्टूबर से किसान चौपाल में किसानों से संवाद शुरू करने  ,लैब टू लैंड योजना जिसमें वैज्ञानिकों द्वारा  किसानों तक जानकारी पहुंचाना और हर मंगलवार को कृषि मंत्री द्वारा किसानों एवं किसान संगठनों से संवाद शुरू करने की घोषणा  शामिल है।

नेशनल पेस्ट सर्विलांस लागू – श्री चौहान ने कृषि विकास के 6 सूत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि 140  करोड़ देशवासियों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए किसानों की फसल का उत्पादन बढ़ाना ,समय पर उर्वरक उपलब्ध कराना ,उत्पादन की लागत घटाना ,उत्पादन के किसानों को उचित दाम देना ,किसान क्रेडिट कार्ड से मदद देना सरकार की प्राथमिकता है।  गत सौ दिनों में अधिक उत्पादन देने वाली 109 किस्मों के बीज जारी किए गए , डिजिटल कृषि मिशन को लांच किया गया। पीएम आशा योजना , नेशनल पेस्ट सर्विलांस लागू किया गया। अक्टूबर से किसान चौपाल में किसानों से संवाद भी शुरू किया जाएगा, वहीं लैब टू लैंड योजना में वैज्ञानिकों द्वारा किसानों तक तुरंत फसल संबंधी जानकारी भेजी जाएगी। हर मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा किसानों एवं किसान संगठनों से संवाद शुरू किया जाएगा।

109 किस्मों के नए बीज जारी – केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यूरिया की एक बोरी 2366 रुपए की आती है , जिसे हम किसानों को 266 रुपए में उपलब्ध कराते है। इसी तरह डीएपी की एक बोरी 2433 रुपए की आती है, लेकिन हम किसानों को 1350 रु में उपलब्ध कराते हैं।  अधिक उत्पादन देने वाली 109 किस्मों के नए बीज जारी किए जो जलवायु परिवर्तन , ग्लोबल वार्मिंग, बाढ़ /सूखा  जैसी चुनौतियों का सामना करेंगे। भाकृअप ने आधुनिक तकनीक से नई किस्में विकसित की है। धान की नई किस्में विकसित की जिसमें 30 % कम पानी लगेगा। इसी तरह बाजरा  फसल अमूमन 115 -120  दिन में पकती है , लेकिन नई किस्म 70 दिन में तैयार हो जाएगी। 7 करोड़ से अधिक किसान खाद -बीज के लिए किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर चुके हैं। गत 100  दिनों में इसके लिए 22 ,600  करोड़ का प्रावधान किया है। गत 16  जून को प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा  किसान सम्मान निधि के तहत साढ़े नौ करोड़ किसानों के खातों में 21 हज़ार करोड़ की राशि डाली गई।

खाद्य तेल का आयात शुल्क 20 % कर दिया -श्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम शुरू किया है , जिसमें किसानों द्वारा सीधे खेत से फसल के रोग / कीट की फोटो भेजने पर वैज्ञानिकों द्वारा तुरंत सलाह दी जाएगी। किसानों को अपनी फसल का सही दाम मिले यही कोशिश है। कर्नाटक , महाराष्ट्र  और मध्यप्रदेश में एमएसपी पर सोयाबीन की खरीदी की जाएगी। देश में 55 -60 % खाद्य तेल आयात होता है। आयात शुल्क शून्य होने के कारण सस्ता तेल देश में आ रहा था , जिससे जहाँ किसानों को सोयाबीन के सही दाम नहीं मिल रहे थे ,वहीं सोयाबीन उद्योग भी इसका मुकाबला नहीं कर पा रहा था। अब खाद्य तेल का आयात शुल्क 20 % कर दिया है जो अन्य शुल्क जोड़कर करीब 27 % होता है। वर्ष 2023 -24 में खाद्यान्न उत्पादन 2 % बढ़ा है।

तुअर, मसूर और उड़द खरीदी की कोई सीमा नहीं – कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला यह भी लिया है कि पीएम आशा के तहत एजेंसियों की बैंक गारंटी 40 हज़ार 500 करोड़ से  बढ़ाकर 45  हज़ार करोड़ कर दी गई है ,ताकि एमएसपी पर खरीदी में कोई कमी न रहे। इसे इसी सीजन से लागू किया जाएगा। सरकार किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। फसल बीमा के प्रति किसानों का विश्वास बढ़ा है। पहले ऋणी किसान 20 लाख थे , जो अब बढ़कर 5 करोड़ से अधिक हो गए हैं। कंपनियों द्वारा किसानों को उनकी प्रीमियम का तीन गुना भुगतान किया है। ज़रूरत पड़ने पर सरकार राज्यों को किसानों को राहत देने के लिए विशेष पैकेज भी देगी। सरकार ने बैठक में तय किया है कि तुअर , मसूर और उड़द  की पूरी फसल किसानों से एमएसपी पर खरीदेगी। खरीदी की कोई सीमा नहीं रहेगी।

कृषि के विविधीकरण पर ज़ोर – केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि के विविधीकरण पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसके लिए फलों , फूलों ,सब्जी की खेती , मछली पालन, मधुमक्खी पालन बेहतर उपाय हैं। अब तो बांस मिशन के तहत बांस का उत्पादन किया जा रहा है। किसानों को अच्छे स्वस्थ पौधे उपलब्ध कराने के लिए ग्रीन प्लांट लांच किया है। विभिन्न फसलों के लिए नौ अत्याधुनिक केंद्र आगामी 4 साल में स्वस्थ पौधे उपलब्ध कराएंगे। भविष्य में धरती की सुरक्षा के लिए रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को सीमित करने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका मिशन आने वाला है जिसमें प्राकृतिक खेती करने वालों से सम्पर्क , संवाद और शोध किया जाएगा। आपने कृषि सखी योजना और ड्रोन दीदी का भी जिक्र किया , जिससे महिलाएं प्रगति कर रही हैं।

डिजिटल कृषि मिशन को स्वीकृति – श्री चौहान ने कहा कि देश में अधिक फसल उत्पादन होने पर सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था नहीं थी।  इसके लिए एक लाख करोड़ से एग्रीकल्चर इंफ्रा स्ट्रक्चर की स्थापना की ,जिसमें से 80 हज़ार करोड़ रु खर्च हो चुके हैं।  इसके तहत 76 हज़ार 400 परियोजना स्वीकृत हो चुकी है। इसमें देश में 18 हज़ार 600  कस्टम हायरिंग सेंटर ,16 हज़ार 276 खाद्य प्रसंस्करण इकाई , 13 हज़ार 724  गोडाउन ,3102  ग्रेडिंग सेंटर, 1909 कोल्ड स्टोरेज की परियोजना शामिल है। गत 100 दिनों में 100 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। एफपीओ को बढ़ाया जा रहा है। उर्वरक और कीटनाशक लाइसेंस की संख्या बढ़ाई गई है। डिजिटल कृषि मिशन को स्वीकृति दी गई है।  अब  फसलों की नुकसानी का आकलन रिमोट सेंसिंग तकनीक से किया जाएगा। इसके लिए 19 राज्यों  के साथ डीपीआई के लिए समझौता हो चुका है। लैब टू लैंड योजना के तहत वैज्ञानिकों द्वारा किसानों की  फसल से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। आगामी अक्टूबर माह से महीने में एक बार किसान संवाद किया जाएगा  जिसमें आधुनिक कृषि/ शोध  की जानकारी दूरदर्शन और आकाशवाणी के माध्यम से दी जाएगी। किसानों की समस्याओं के लिए एक कॉल सेंटर भी स्थापित किया जाएगा , जहाँ दिए गए नंबर पर किसान बात कर सकेंगे। इस कॉल सेंटर की मॉनिटरिंग  कृषि मंत्री श्री चौहान स्वयं करेंगे।

हर मंगलवार को किसानों / किसान संगठनों से  सीधा संवाद – इसके अलावा कृषि मंत्री द्वारा हर मंगलवार को पूर्व निर्धारित समय में  पूर्वान्ह में किसानों / किसान संगठनों से  सीधा संवाद किया जाएगा। कृषि मंत्री ने पुनः दोहराया कि किसानों की सेवा ईश्वर की पूजा है। कोशिश है कि अन्नदाताओं के लिए और बेहतर  किया जाए । 100  दिन की यह उपलब्धियां प्रधानमंत्री श्री मोदी की  सदइच्छा से ही सम्भव हो पाई है। अंत में , पत्रकारों द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों का केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने समाधानकारक ज़वाब दिया।

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