सरकार ने खाद नियंत्रण आदेश में किया बड़ा बदलाव, पशु-आधारित बायोस्टिमुलेंट हुए बंद
03 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: सरकार ने खाद नियंत्रण आदेश में किया बड़ा बदलाव, पशु-आधारित बायोस्टिमुलेंट हुए बंद – किसानों के लिए ज़रूरी खाद और बायोस्टिमुलेंट बाज़ार में सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने खाद (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश, 1985 में संशोधन करते हुए कई पशु-आधारित प्रोटीन हाइड्रोलाइजेट और कुछ मिश्रित बायोस्टिमुलेंट्स को अब मान्यता सूची से हटा दिया है। यह आदेश 29 सितम्बर को सरकारी गजट में प्रकाशित होते ही लागू हो गया है।
किसानों के लिए इसका क्या मतलब है?
सरकार ने अपने आदेश में कारण साफ़ नहीं बताए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम गुणवत्ता सुधार और मिलावट रोकने के लिए उठाया गया है। पशु-आधारित बायोस्टिमुलेंट में शुद्धता और ट्रेसबिलिटी की समस्या रहती है, जिससे कई बार फसल और निर्यात दोनों प्रभावित हो सकते हैं।
इसके अलावा सरकार अब पौधों से बने प्रोटीन हाइड्रोलाइजेट और सूक्ष्मजीव आधारित बायोस्टिमुलेंट्स को बढ़ावा देना चाहती है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वीकार्य और सुरक्षित माने जाते हैं। कृषि उत्पादों के निर्यात में भी अक्सर पशु-आधारित इनपुट्स पर रोक जैसी दिक्कतें आती हैं। ऐसे में यह बदलाव किसानों के उत्पादों को वैश्विक बाज़ार में भी ज्यादा स्वीकार्यता दिला सकता है।
उद्योग और किसानों पर असर
जिन कंपनियों के उत्पाद पशु-आधारित प्रोटीन हाइड्रोलाइजेट पर आधारित हैं, उन्हें अब नए फार्मुलेशन बनाने होंगे। इसका सीधा असर किसानों की उपलब्धता और बाज़ार में उत्पादों की विविधता पर पड़ सकता है। हालांकि अल्पावधि में किसानों को कुछ दिक्कतें आएंगी, लेकिन लंबे समय में यह कदम सुरक्षित, मानकीकृत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य उत्पाद उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
यह संशोधन 24 सितम्बर के पिछले आदेश के बाद आया है और साफ़ संकेत देता है कि सरकार खाद और बायोस्टिमुलेंट क्षेत्र को लेकर लगातार सक्रिय है और गुणवत्ता पर सख़्ती बरतना चाहती है।
कौन-कौन से उत्पाद हटाए गए?
अब किसान जिन बायोस्टिमुलेंट मिश्रणों का इस्तेमाल करते थे, वे आधिकारिक सूची से हटा दिए गए हैं। इनमें शामिल हैं – प्रोटीन हाइड्रोलाइजेट और सीवीड (समुद्री शैवाल) का मिश्रण, प्रोटीन हाइड्रोलाइजेट और एंटीऑक्सीडेंट का मिश्रण तथा प्रोटीन हाइड्रोलाइजेट, सीवीड और ह्यूमिक एसिड का मिश्रण।
इसके साथ ही “प्रोटीन हाइड्रोलाइजेट और अमिनो एसिड” शीर्षक के अंतर्गत पशु-आधारित तरल रूप वाले कई उत्पाद भी हटा दिए गए हैं। इनमें 62.1 प्रतिशत, 36.04 प्रतिशत, 62.5 प्रतिशत, 46.9 प्रतिशत, 29.34 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 68.33 प्रतिशत, 54 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 27.5 प्रतिशत सांद्रता वाले प्रोटीन हाइड्रोलाइजेट (पशु स्रोत, तरल) शामिल हैं। सरकार ने 62.5 प्रतिशत वाला दोहराया हुआ प्रविष्टि भी हटा दी है।
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