डिजिटल किसान: किसानों के लिए हाई-टेक सेवाओं और ड्रोन योजना की बड़ी घोषणा
05 अगस्त 2024, नई दिल्ली: डिजिटल किसान: किसानों के लिए हाई-टेक सेवाओं और ड्रोन योजना की बड़ी घोषणा – कृषि मंत्रालय ने घोषणा की है कि देशभर के किसानों को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में डिजिटल और उच्च-तकनीक वाली सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
आईसीएआर की राष्ट्रीय कृषि नवाचार निधि
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई-रफ़्तार) के तहत “नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास” में वित्तीय सहायता के साथ इनक्यूबेशन इकोसिस्टम को विकसित करके नवाचार एवं कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम में स्टार्ट-अप को कृषि में नवीन तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कार्यक्रम के तहत कुल 1176 स्टार्ट-अप का चयन किया गया है। यह जानकारी केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने गत दिवस राज्यसभा में में दी।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) राष्ट्रीय कृषि नवाचार निधि (एनएआईएफ) परियोजना के तहत कृषि आधारित स्टार्टअप की सहायता कर रही है। इस योजना के तहत आईसीएआर नेटवर्क में 50 कृषि-व्यवसाय इनक्यूबेशन केन्द्र बनाए गए हैं।
ड्रोन टेक्नोलॉजी
ड्रोन टेक्नोलॉजी को किसानों के लिए सस्ती बनाने के लिए, कृषि ड्रोन के लिए 100 प्रतिशत (वास्तविक लागत या 10.00 लाख रुपये, जो भी कम हो) और किसान के खेतों पर प्रदर्शन के लिए एफपीओ को 75 प्रतिशत की दर से वित्तीय सहायता दी जाती है।वहीँ कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) और सामान्य श्रेणी किसानों द्वारा ड्रोन खरीद के लिए लागत का 40 प्रतिशत या 4 लाख रुपये, जो भी कम हो, की दर से वित्तीय सहायता दी जाती है और एससी/एसटी/महिलाओं/छोटे और सीमांत किसानों और कृषि स्नातकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत या 5 लाख रुपये की दर से वित्तीय सहायता दी है।
‘नमो ड्रोन दीदी‘ योजना
महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन के लिए 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य 15000 महिला एसएचजी को ड्रोन दे कर किसानों को किराये की सेवाएं देना है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: