National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

सरकार ने 27 पेस्टिसाइड में से 3 पर लगाया प्रतिबंध, किसानों को मिली राहत 

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25 अप्रैल 2023, नई दिल्ली: सरकार ने 27 पेस्टिसाइड में से 3 पर लगाया प्रतिबंध, किसानों को मिली राहत – 27 पेस्टिसाइड में से 3 पर प्रतिबंध लगाने के कृषि मंत्रालय के फैसले से किसानों और कृषि रसायन उद्योग दोनों को बड़ी राहत मिली है। प्रतिबंधित तीन पेस्टिसाइड डाइकोफोल, डीनोकैप और मेथोमाइलपर हैं क्योंकि इन पेस्टिसाइड के उपयोग से सुरक्षा और इनकी प्रभावकारिता का डेटा उपलब्ध नहीं हैं जिसके कारण मानव और जानवरों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरे और जोखिम हो सकता हैं। इन पेस्टिसाइड के बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं।

केंद्र सरकार ने 2 फरवरी 2023 को इन तीन पेस्टिसाइड के पंजीकरण, आयात, निर्माण, परिवहन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी।

तीनों पर प्रतिबंध लगाने के अलावा, केंद्र सरकार ने विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर कुछ चुनिंदा फसलों को लेबल के दावे (label claim) से हटाने का फैसला किया, जिनके लिए जैव-प्रभावकारिता और अवशेष डेटा उपलब्ध नहीं था। जिन 8 पेस्टिसाइड के लेबल क्लेम में बदलाव किया गया है, वे कार्बोफ्यूरान, मैलाथियान, मोनोक्रोटोफॉस, क्विनालफॉस, मैनकोजेब, ऑक्सीफ्लोरफेन, डायमेथोएट और क्लोरपायरीफॉस हैं।

“प्रतिबंध का निर्णय खरीफ सीजन की शुरुआत से ठीक पहले और समय पर किया गया है। खरीफ या मानसून का मौसम भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण समय हैं और शेष 24 में से कुछ प्रमुख पेस्टीसाइड की कम कीमत पर उपलब्धता किसानों के लिए खेती की लागत को कम रखने में मदद करेगी। उद्योग के एक विशेषज्ञ ने कृषक जगत को बताया कि अधिकांश राज्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा इन उत्पादों की सिफारिश की जाती है और ये राज्यो में कृषि संबंधी फसल पैकेज (package of practice) का हिस्सा हैं।

भारत में कृषि क्षेत्र किसानों की कड़ी मेहनत, वैज्ञानिकों की दक्षता, निजी क्षेत्र के तकनीकी हस्तक्षेप और सरकार की किसान-हितैषी नीतियों के कारण साल-दर-साल बढ़ रहा है। 2022-23 के लिए मंत्रालय द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में जारी प्रमुख फसलों के उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान 323.5 मिलियन टन अनुमानित है, जो कि पिछले वर्ष के 7.9 मिलियन टन से अधिक है, जिसमें चावल का रिकॉर्ड उत्पादन 130.8 मिलियन टन और मक्का का 34.6 मिलियन टन है।

डॉ. राजेंद्रन समिति

केंद्र सरकार ने 2021 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. टी पी राजेंद्रन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जो प्राप्त आंकड़ों के साथ-साथ आपत्तियों के सुझावों की समीक्षा करेगी।

केंद्र सरकार ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद और पंजीकरण समिति के परामर्श के बाद निष्कर्ष निकाला कि सुरक्षा और प्रभावकारिता पर डेटा की अनुपलब्धता के कारण तीन पेस्टिसाइड डाइकोफोल, डीनोकैप और मेथोमाइल के उपयोग से मानव और जानवरों के लिए स्वास्थ्य संबंधी ख़तरे और जोखिम शामिल हैं।

मूल अधिसूचना में 27 पेस्टिसाइड में से प्रत्येक पर प्रतिबंध लगाने के कारणों को सूचीबद्ध किया गया था, जिसमें कार्सिनोजेनिक अशुद्धियों से लेकर अत्यधिक जहरीली और जलीय जीवों, पक्षियों और मधु मक्खियों के लिए जहरीली थी। हालांकि, इन पहलुओं की जांच डॉ टी पी राजेंद्रन की अध्यक्षता वाली तकनीकी समिति द्वारा की गई थी जिसमें अलग-अलग कंपनियों और संघों द्वारा प्रस्तुत डेटा शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को केंद्र सरकार से प्रस्तावित 27 पेस्टिसाइड में से तीन पेस्टिसाइड पर प्रतिबंध को सही ठहराने को कहा था। एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका में सभी 27 पेस्टिसाइड पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच 28 अप्रैल को केंद्र सरकार के औचित्य और याचिका की समीक्षा करेगी।

पृष्ठभूमि

18 मई 2020 को कृषि मंत्रालय ने 27 पेस्टिसाइड पर प्रतिबंध लगाने के लिए मसौदा आदेश जारी किया, जिसे वे जानवरों और मनुष्यों के लिए हानिकारक मानते हैं। मसौदा आदेश को देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में चुनौती दी गई थी क्योंकि इसमें व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले पेस्टिसाइड शामिल थे और अधिकांश में कोई विकल्प नहीं था। सभी सूचीबद्ध पेस्टिसाइड का उपयोग भारतीय किसानों द्वारा पिछले 40 वर्षों से किया जा रहा है। प्रतिबंध सितंबर 2020 में भारत में प्रवेश करने वाले आक्रामक कीट टिड्डियों के आपातकालीन नियंत्रण को भी प्रभावित कर सकता था। इन 27 मॉलिक्यूल्स में संचयी रूप से 130 से अधिक सूत्रीकरण और संयोजन थे, जिनका व्यापार मूल्य लगभग निर्यात सहित 15,500 करोड़ था।

27 पेस्टिसाइड की पूरी सूची में कीटनाशकः एसीफेट, बेनफ्यूराकार्ब, कार्बोफ्यूरान, क्लोरपायरीफॉस, डेल्टामेथ्रिन, डाइकोफोल, डाइमेथोएट, मैलाथियान, मेथोमाइल, मोनोक्रोटोफॉस, थायोडिकार्ब और क्विनालफॉस; शाकनाशी: एट्राज़ीन 2,4-डी, डाययूरोन, बुटाक्लोर, ऑक्सीफ़्लोरफ़ेन, पेंडीमिथालिन और सल्फ़ोसल्फ्यूरॉन; फफूंदनाशी: कार्बेन्डाजिम, कैप्टन, डिनोकैप, मैनकोज़ेब, थियोफ़ेनेट मिथाइल, थिरम, ज़िरम और ज़िनेब हैं।

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