ओडिशा के किसानों के लिए खुशखबरी: अब 30 किलो बोरे से होगी मूँगफली की सरकारी खरीद, बढ़ेगी आखिरी तारीख
17 जुलाई 2025, नई दिल्ली: ओडिशा के किसानों के लिए खुशखबरी: अब 30 किलो बोरे से होगी मूँगफली की सरकारी खरीद, बढ़ेगी आखिरी तारीख – ओडिशा के पुरी लोकसभा क्षेत्र के मूंगफली किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने किसानों की एक अहम मांग को गंभीरता से लेते हुए मूंगफली खरीद प्रक्रिया में जल्द बदलाव करने का भरोसा दिलाया है। मंगलवार को पुरी लोकसभा क्षेत्र के सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर मूंगफली किसानों की समस्याएं उठाईं।
क्या है किसानों की परेशानी?
डॉ. पात्रा ने जानकारी दी कि पुरी लोकसभा के कृष्णप्रसाद ब्लॉक में बड़े स्तर पर मूंगफली की खेती होती है। लेकिन हाल ही में NAFED/MARKFED के जरिए किसानों से मूंगफली बीज की खरीद में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। सरकार की ओर से जो जूट के बोरे (Gunny Bags) उपलब्ध कराए गए हैं उनकी क्षमता 35 किलो की है। जबकि हकीकत में किसान प्रति बोरा सिर्फ 30 से 32 किलो मूंगफली ही भर पा रहे हैं। इस वजह से किसानों को तौल कराने और उपज बेचने में दिक्कत हो रही थी, जिससे उपज का नुकसान हो रहा था।
उन्होंने मंत्री जी से आग्रह किया कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए 35 किलोग्राम के बजाय 30 किलोग्राम प्रति बोरा मान्य किया जाए और खरीद की समय-सीमा को भी आगे बढ़ाया जाए, ताकि किसान बिना किसी दबाव के अपनी उपज बेच सकें।
मूंगफली खरीद की तिथि भी बढ़ेगी
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की परेशानी को तुरंत संज्ञान में लेते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल आवश्यक निर्देश जारी किए। साथ ही किसानों को भरोसा दिलाया कि जरूरत पड़ने पर मूंगफली खरीद की तिथि भी बढ़ाई जाएगी ताकि किसी किसान की उपज नहीं बचे और सभी को उचित दाम मिले।
किसानों को क्या होगा फायदा?
1. छोटे किसानों को अपनी पूरी उपज बेचने का मौका मिलेगा।2. बोरे में वजन की अनिवार्यता घटने से तौल में परेशानी नहीं होगी।
3. उपज बेचने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
4. सरकारी खरीद में किसी तरह की अड़चन नहीं आएगी।
कृषि मंत्री की त्वरित कार्रवाई पर संबित पात्रा ने धन्यवाद देते हुए कहा कि “यह फैसला किसानों के हित में बड़ा कदम है और इससे मूंगफली किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा।” सरकार का ये कदम खासकर छोटे किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो जमीनी स्तर पर उपज बेचने में अक्सर परेशान रहते हैं।
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