डिजिटल मंडी से बढ़ी किसानों की आय! ई-नाम पर अब तक ₹4.39 लाख करोड़ की उपज बिकी, 1.79 करोड़ किसान जुड़े
02 अगस्त 2025, नई दिल्ली: डिजिटल मंडी से बढ़ी किसानों की आय! ई-नाम पर अब तक ₹4.39 लाख करोड़ की उपज बिकी, 1.79 करोड़ किसान जुड़े – किसानों को उनकी फसलों के उचित दाम दिलाने और पारदर्शी मूल्य निर्धारण प्रणाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने वर्ष 2016 में इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) की शुरुआत की थी। यह एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म है, जो देश के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की थोक मंडियों और बाजारों को ऑनलाइन जोड़ता है, जिससे कृषि उपज का व्यापार आसान और पारदर्शी बनता है।
1.79 करोड़ से अधिक किसान पंजीकृत
30 जून 2025 तक ई-नाम पोर्टल से 1,79,41,613 किसान, 2,67,719 व्यापारी, 1,16,042 कमीशन एजेंट और 4518 किसान उत्पादक संगठन (FPOs) जुड़ चुके हैं। इसके साथ ही देशभर की 1522 मंडियां ई-नाम प्लेटफॉर्म पर शामिल हो चुकी हैं।
₹4.39 लाख करोड़ का अब तक का व्यापार
आज तक ई-नाम पोर्टल के माध्यम से कुल ₹4,39,941 करोड़ की कृषि उपज का व्यापार हो चुका है। इससे किसानों को फसल के बेहतर दाम मिले हैं और व्यापार में पारदर्शिता भी आई है।
ई-नाम से जुड़ने में उत्तर प्रदेश के किसान सबसे आगे
राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यवार पंजीकृत किसानों की जानकारी दी। इनमें उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जहां 3,30,51,57 किसान ई-नाम से जुड़े हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश (30,25,172 किसान) और हरियाणा (27,27,249 किसान) का स्थान है। ये तीनों राज्य ई-नाम प्लेटफॉर्म पर किसानों की भागीदारी में टॉप पर हैं।
किसानों की आय में हो रहा सुधार
ई-नाम प्लेटफॉर्म से जुड़कर किसान अब अपनी उपज को किसी भी राज्य के व्यापारी को बेच सकते हैं, जिससे उन्हें बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता और उन्हें उचित मूल्य मिल पाता है। इससे किसानों की आय बढ़ने में मदद मिली है।
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