Farmer ID: 7 करोड़ किसानों को मिला डिजिटल पहचान पत्र, अब फसल और जमीन से जुड़ी हर जानकारी ऑनलाइन
19 अगस्त 2025, नई दिल्ली: Farmer ID: 7 करोड़ किसानों को मिला डिजिटल पहचान पत्र, अब फसल और जमीन से जुड़ी हर जानकारी ऑनलाइन – भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) के सकारात्मक नतीजे अब सामने आने लगे हैं। इस पहल के तहत अब तक 7 करोड़ से अधिक किसानों को यूनिक डिजिटल पहचान पत्र (Farmer ID) प्रदान किए जा चुके हैं। इससे कृषि क्षेत्र में तकनीकी समावेशन को बल मिला है और किसान अब सीधे तौर पर योजनाओं और सेवाओं से जुड़ पा रहे हैं।
2027 तक 11 करोड़ किसानों को जोड़ने का लक्ष्य
कृषि मंत्रालय के अनुसार, सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2026-27 के अंत तक 11 करोड़ किसानों को इस डिजिटल पहचान प्रणाली से जोड़ने का है। फिलहाल 14 राज्यों में इस योजना के तहत तेज़ी से काम हो रहा है। उत्तर प्रदेश (1.4 करोड़), महाराष्ट्र (1.1 करोड़), मध्य प्रदेश (87 लाख), राजस्थान (78 लाख), गुजरात (56 लाख), आंध्र प्रदेश (45 लाख), तमिलनाडु और तेलंगाना (31-31 लाख) किसानों को अब तक डिजिटल आईडी जारी की जा चुकी है।
कई राज्यों ने दिखाई तेजी, बाकी भी जल्द होंगे शामिल
कर्नाटक (45 लाख), छत्तीसगढ़ (25 लाख), केरल (23 लाख), ओडिशा (9 लाख), असम (7 लाख) और बिहार (5 लाख) जैसे राज्यों ने भी डिजिटल फार्मर आईडी जारी करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। वहीं, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्य भी जल्द इस अभियान में शामिल हो सकते हैं।
क्या है किसान पहचान पत्र में?
यह Farmer ID केवल एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि एक डिजिटल प्रोफाइल है, जिसमें शामिल होती हैं:
– किसान की जनसांख्यिकीय जानकारी
– जमीन का रिकॉर्ड
– फसल की किस्म और पैटर्न
– उर्वरक और सिंचाई की स्थिति
– सरकारी योजनाओं से लाभ की जानकारी
इस डिजिटल डेटा के जरिए सरकार योजनाओं को जरूरतमंद किसानों तक अधिक सटीकता से पहुंचा सकती है।
2817 करोड़ के मिशन का हिस्सा है यह पहल
डिजिटल फार्मर आईडी का यह अभियान सितंबर 2024 में लॉन्च किए गए ₹2817 करोड़ के डिजिटल कृषि मिशन का हिस्सा है। इस मिशन के प्रमुख उद्देश्य हैं:
– AgriStack (एकीकृत डिजिटल एग्रीकल्चर डेटाबेस) का निर्माण
-गांव स्तर पर भूमि और फसल डेटा का डिजिटलीकरण
-किसान रजिस्ट्रियों का विकास
-निर्णय समर्थन प्रणाली और मिट्टी की उर्वरता प्रोफाइलिंग
-अब तक 30 राज्यों ने इस डिजिटल डेटाबेस निर्माण के लिए अपनी सहमति दी है।
क्या मिल रहा है किसानों को फायदा?
डिजिटल पहचान पत्र मिलने के बाद किसानों को अब कई योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से मिल रहा है। जैसे:
1. PM किसान योजना के तहत सीधा लाभांश (Direct Benefit Transfer)
2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में डेटा सत्यापन के साथ त्वरित लाभ
3. डिजिटल एग्री-लोन की सुविधा
4. मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड और फसल आधारित सरकारी सहायता
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, अब डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) के जरिए किसानों की जमीन पर बोई गई फसल की जानकारी रियल टाइम में सत्यापित की जा रही है। इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को सिर्फ उसी फसल का लाभ मिले, जिसके लिए उन्होंने बीमा या ऋण लिया है।
डिजिटल युग की ओर भारतीय किसान
डिजिटल कृषि मिशन और फार्मर आईडी जैसी पहलों से भारत का कृषि क्षेत्र एक नई दिशा की ओर अग्रसर है। डेटा-आधारित निर्णय प्रणाली से न केवल सरकारी योजनाएं बेहतर तरीके से लागू हो रही हैं, बल्कि किसानों को भी उनकी जरूरतों के अनुसार सेवाएं मिल रही हैं।
सरकार का यह प्रयास भविष्य में स्मार्ट फार्मिंग, एआई आधारित कृषि सलाह और सटीक कृषि (Precision Farming) जैसे उन्नत मॉडलों की राह को आसान बनाएगा।
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