राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

डिजिटल तकनीक से होगा कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन

04 अप्रैल 2024, नई दिल्ली: डिजिटल तकनीक से होगा कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन – संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) की भागीदारी के साथ ‘भविष्य की खेती: इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से डिजिटल कृषि को प्रोत्साहन देना’ विषय पर कार्यशाला हुई। यह कार्यक्रम दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (एनएएससी) में आयोजित किया गया था।

इस कार्यशाला में ‘कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन : खेती का डिजिटल रूपांतरणÓ विषय पर संयुक्त रूप से एक तकनीकी रिपोर्ट भी जारी की। रिपोर्ट कृषि क्षेत्र के हितधारकों के लिए एक अच्छे संदर्भ के रूप में काम करेगी। यह खाद्य उत्पादन में स्थिरता, दक्षता और अनुकूलन लाने के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करने पर निर्णय करने वालों का मार्गदर्शन करेगी।

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दूरसंचार विभाग के सदस्य (सेवाएं) और अतिरिक्त सचिव (दूरसंचार) श्री अजय कुमार साहू ने डिजिटल कृषि को प्रोत्साहन देने और ग्रामीण-शहरी डिजिटल अंतर को पाटने में दूरसंचार विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) में मानकीकरण के निदेशक श्री सीज़ो ओनो ने अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी और डिजिटल कृषि के लिए प्रभावशाली अंतर्राष्ट्रीय मानकों को विकसित करने के लिए विशेषज्ञता के विभिन्न क्षेत्रों के बीच समन्वय बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला।

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दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) की वरिष्ठ उप-महानिदेशक और प्रमुख सुश्री तृप्ति सक्सेना ने कृषि में क्रांति लाने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी प्रौद्योगिकियों की क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने रेखांकित किया कि सेंसर और ड्रोन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों एवं इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) समाधानों का लाभ उठाकर, किसान मिट्टी की स्थिति की निगरानी कर सकते हैं, संसाधन उपयोग को अनुकूलित कर सकते हैं और फसल की पैदावार को अधिकतम कर सकते हैं|

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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन (एनआरएम) के उप महानिदेशक डॉ. एस के चौधरी ने भारतीय कृषि अनुसंधान के लिए कार्यशाला के महत्व पर जोर दिया।

इस कार्यशाला के बाद प्रदर्शनी क्षेत्र का उद्घाटन किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा संचालित प्रदर्शनी स्टॉलों में कृषि क्षेत्र में विभिन्न स्टार्ट-अप द्वारा उभरती प्रौद्योगिकियों के वास्तविक समय के अनुप्रयोगों का प्रदर्शन किया गया।

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