राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

पूसा में मक्का फसल विविधिकरण पर वैज्ञानिकों और किसानों का संवाद

10 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: पूसा में मक्का फसल विविधिकरण पर वैज्ञानिकों और किसानों का संवाद – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा द्वारा “मक्का आधारित फसल विविधिकरण” पर एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक कृषक संवाद का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ग्राम मंडोरा, खरखोदा (सोनीपत) के 40 किसानों ने भाग लिया। कृषि प्रौद्योगिकी आकलन और स्थानांतरण केंद्र (कैटेट) एवं कृषि प्रसार संभाग द्वारा आयोजित इस संवाद में संस्थान के कई प्रमुख वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया और मक्का की खेती को और अधिक लाभदायक बनाने पर चर्चा की।

संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. रवीन्द्रनाथ पडारिया ने मक्का आधारित फसल विविधिकरण के लाभों पर प्रकाश डाला और बताया कि किसानों को ‘मेरा गाँव मेरा गौरव’ परियोजना से शीघ्र जोड़ा जाएगा, जिससे पूसा के वैज्ञानिक सीधे किसानों से जुड़ सकेंगे।

कार्यक्रम में श्री डी. पी. गोयल, अध्यक्ष चालीस गाँव विकास परिषद, सोनीपत ने सभी को अवगत कराया कि ग्राम मंडोरा, खरखोदा सोनीपत में शीघ्र ही स्मार्ट विलेज केंद्र खुलने जा रहा है जो मक्का आधारित सभी जानकारी किसानों को उपलब्ध करवाएगा एवं किसानों को सीधे खरीददारों से जोड़ेगा । डॉ. गोपाल कृष्ण, अध्यक्ष आनुवंशिकी संभाग ने आनुवंशिकी संभाग में मक्का को लेकर चल रहे शोध कार्यों में प्रकाश डाला।

इस अवसर पर कई वैज्ञानिकों ने मक्का से संबंधित अपने शोध कार्यों और नई तकनीकों पर जानकारी दी। डॉ. फिरोज हुसैन ने , प्रधान वैज्ञानिक आनुवंशिकी ने मक्का कि जैव संवर्धित क़िस्मों कि विस्तार से जानकारी किसानों को दी एवं सभी क़िस्मों के लाभ एवं गुणों पर चर्चा की । डॉ. संजय सिंह राठोड़ अध्यक्ष सस्य विज्ञान संभाग, ने मक्का के फसल प्रबंधन की विस्तार से जानकारी दी जिसमें उन्होने पोषक तत्व प्रबंधन, खरपतवार नियंत्रण, कीट एवं रोग प्रबंधन सहित मक्का के साथ ली जाने वाली फसलों की चर्चा की। डॉ. देबाशीस, अध्यक्ष मृदा विज्ञान संभाग ने मक्का के लिय उपयुक्त मृदा की विस्तृत जानकारी किसानों को दी। डॉ. दिनेश कुमार, अध्यक्ष खाद्य प्रसंस्करण ने मक्का से बनने वाले  विभिन्न खाद्य उत्पादों एवं खाद्य प्रसंस्करण के बारे में विस्तार से बताया ।

डॉ. सत्यप्रिय, अध्यक्ष कृषि प्रसार संभाग, ने किसानों को मक्का आधारित खेती हेतु कृषक उत्पादक समूह बनाने के लिय प्रेरित किया जिससे हर एक सदस्य को  परस्पर लाभ मिल सके एवं बाज़ार में मूल्य भी उपयुक्त मिले। डॉ. नित्यश्री, वैज्ञानिक कृषि अर्थशास्त्र  ने इस बार पर ज़ोर दिया की किस तरह मकके में मूल्य शृंखला का विकास किया जा सकता है जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

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