श्रीनगर में 150 करोड़ की लागत से बनेगा ‘क्लीन प्लांट सेंटर’, बागवानी को मिलेगा बूस्ट- मंत्री शिवराज सिंह
07 जुलाई 2025, नई दिल्ली: श्रीनगर में 150 करोड़ की लागत से बनेगा ‘क्लीन प्लांट सेंटर’, बागवानी को मिलेगा बूस्ट- मंत्री शिवराज सिंह – केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ श्रीनगर में राज्य सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में बागवानी सेक्टर को मजबूती देने के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। सबसे अहम घोषणा रही कि श्रीनगर में 150 करोड़ रुपये की लागत से ‘क्लीन प्लांट सेंटर’ की स्थापना की जाएगी।
क्लीन प्लांट सेंटर से होंगे ये फायदे
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस सेंटर के जरिए सेब, अखरोट, बादाम और अन्य बागवानी फसलों के लिए रोगमुक्त, गुणवत्तापूर्ण पौधों का उत्पादन किया जाएगा। इससे किसानों को स्वस्थ पौधे मिल सकेंगे और फसल की गुणवत्ता व उत्पादकता में जबरदस्त सुधार होगा। कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के किसान मेहनत से सेब, अखरोट, बादाम जैसे फल उगाते हैं, लेकिन कई बार पौधे संक्रमित निकलते हैं। इसलिए अब क्लीन प्लांट सेंटर की मदद से रोगरहित पौधे उपलब्ध होंगे।”साथ ही उन्होंने बताया कि, सिर्फ सरकारी संस्थान ही नहीं, बल्कि निजी नर्सरियों को भी इस योजना में तकनीकी और वित्तीय सहायता दी जाएगी ताकि वे भी उच्च गुणवत्ता वाले पौधे तैयार कर सकें।
फसल बीमा और किसानों की सुरक्षा
मंत्री चौहान ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का भरपूर लाभ मिले, इसके लिए पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) को बागवानी फसलों पर भी लागू किया जाएगा। इससे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान की भरपाई आसानी से मिल सकेगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि ऐसे किसान जो सरकार से पट्टे पर जमीन लेकर खेती कर रहे हैं लेकिन उनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही 93% से अधिक पीएम आवास पूरे हो चुके हैं, और शेष लाभार्थियों को जल्द ही घर उपलब्ध कराए जाएंगे।
क्षेत्रीय बागवानी केंद्र और लैब
जम्मू क्षेत्र में क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जाएगी। कठुआ, अनंतनाग और बारामूला में क्वालिटी कंट्रोल लैब भी खोली जाएंगी ताकि मिट्टी और उर्वरकों की गुणवत्ता परख कर किसानों को सही सलाह दी जा सके। इसके अलावा, केसर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए टिशू कल्चर लैब और नर्सरी बनाई जाएगी।
CA स्टोरेज की सीमा बढ़ी, 6 हज़ार टन निर्माण पर भी मिलेगी सब्सिडी
बैठक में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए श्री शिवराज सिंह ने कहा कि वर्तमान में नियंत्रित वातावरण (CA) स्टोरेज की समय सीमा 18 महीने थी, जिसे अब बढ़ाकर 24 महीने किया जा रहा है। यह बागवानी उत्पादों के दीर्घकालीन भंडारण के लिए बेहद जरूरी कदम है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बागवानी मिशन में सब्सिडी अब तक 5,000 मीट्रिक टन क्षमता तक दी जाती थी, लेकिन कई किसानों और उद्यमियों ने 6,000 मीट्रिक टन की क्षमता तक के भंडारण केंद्र बना लिए हैं। ऐसे मामलों में, 5,000 मीट्रिक टन की अधिकतम सीमा तक उन्हें भी सब्सिडी दी जाएगी, जिससे उनकी मेहनत और निवेश को नुकसान न हो।
इसी क्रम में ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के सहयोग से जम्मू-कश्मीर की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता-ज्ञापन (MoU) का भी निर्णय लिया गया है, ताकि अनुसंधान और विकास को और मजबूती दी जा सके।
रोजगार और मनरेगा में सुधार
1. ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत रोजगार के टारगेट तय किए गए हैं।
2. महिलाओं को लखपति दीदी योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जा रहा है।
3. युवाओं को रोजगार हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
विकास को नई रफ्तार
श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित 4200 करोड़ रुपये की पीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत काम तेजी से चल रहा है, जिससे राज्य के गांवों को बेहतर सड़कों से जोड़ा जाएगा।
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