कर्ज़ में दबे 85 लाख से ज्यादा किसान, सरकार ने कर्ज़ माफी से किया इनकार
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और चंडीगढ़ के किसानों पर ₹2.20 लाख करोड़ का कर्ज़, सरकार के पास माफी की कोई योजना नहीं
07 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: कर्ज़ में दबे 85 लाख से ज्यादा किसान, सरकार ने कर्ज़ माफी से किया इनकार – पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के 85.86 लाख से अधिक किसान भारी कर्ज़ के बोझ तले दबे हुए हैं। विभिन्न वाणिज्यिक, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से लिया गया उनका कुल बकाया ऋण ₹2.20 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। इन राज्यों में सबसे ज्यादा कर्ज़ पंजाब के किसानों पर है, जबकि हरियाणा में सबसे अधिक संख्या में किसान कर्ज़दार हैं।
लोकसभा में राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) से मिले आंकड़ों के अनुसार, पंजाब के 38.37 लाख किसानों पर कुल ₹1,04,064 करोड़ का कर्ज़ बकाया है। इनमें 23.28 लाख किसानों ने वाणिज्यिक बैंकों से ₹85,460 करोड़, 11.94 लाख किसानों ने सहकारी बैंकों से ₹10,021 करोड़ और 3.15 लाख किसानों ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से ₹8,583 करोड़ का ऋण लिया है।
हरियाणा में कुल 40.22 लाख किसान कर्ज़दार हैं, जिन पर कुल ₹96,855 करोड़ का ऋण बकाया है। इनमें 22.37 लाख किसानों पर वाणिज्यिक बैंकों से ₹71,886 करोड़, 13.58 लाख किसानों पर सहकारी बैंकों से ₹14,354 करोड़ और 4.41 लाख किसानों पर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से ₹10,615 करोड़ का कर्ज़ चढ़ा हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में 6.67 लाख किसानों पर कुल ₹12,897 करोड़ का कर्ज़ बकाया है, जिसमें वाणिज्यिक बैंकों से ₹8,034 करोड़, सहकारी बैंकों से ₹3,333 करोड़ और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से ₹1,530 करोड़ का ऋण शामिल है। चंडीगढ़ में 0.60 लाख किसानों पर ₹6,038 करोड़ का कर्ज़ है, हालांकि यहां के किसानों पर सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से कोई बकाया नहीं है।
मार्च 31, 2024 तक, इन चारों राज्यों के 50.15 लाख किसानों पर वाणिज्यिक बैंकों से ₹1,71,418 करोड़, 27.17 लाख किसानों पर सहकारी बैंकों से ₹27,708 करोड़ और 8.54 लाख किसानों पर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से ₹20,728 करोड़ का कर्ज़ चढ़ा हुआ है। कुल मिलाकर 85.86 लाख किसान ₹2,19,854 करोड़ के कर्ज़ में डूबे हुए हैं।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार से पूछा कि क्या किसानों के ऋण माफ करने की कोई योजना है? इस पर वित्त मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है। किसान संगठनों का कहना है कि बढ़ते कर्ज़ और गिरते दामों के चलते किसानों की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। कर्ज़ का बढ़ता बोझ कृषि क्षेत्र के संकट को और गहरा सकता है, लेकिन सरकार फिलहाल कोई राहत देने के मूड में नहीं है।
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