विश्व नारियल दिवस पर किसानों को सीडीबी का तोहफा, खेती और प्रसंस्करण पर मिलेगी अधिक सब्सिडी और तकनीकी सहायता
04 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: विश्व नारियल दिवस पर किसानों को सीडीबी का तोहफा, खेती और प्रसंस्करण पर मिलेगी अधिक सब्सिडी और तकनीकी सहायता – नारियल विकास बोर्ड (सीडीबी) ने केरल के अंगमाली स्थित एडलक्स कन्वेंशन सेंटर में अपनी नई संशोधित योजनाओं का शुभारंभ और निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान करके विश्व नारियल दिवस मनाया। इस अवसर पर सांसद और नारियल विकास बोर्ड के सदस्य एमके राघवन ने नारियल के प्रसंस्करण और उत्पाद विविधीकरण में ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। सरकार ने नारियल की खेती और उद्योग के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं और बोर्ड की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय सहायता कई गुना बढ़ा दी गई है।
उन्होंने किसानों से नारियल का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के अवसर का उपयोग करने का आग्रह किया। नारियल की खेती, उत्पादन और उत्पादकता के क्षेत्र में केरल सबसे आगे था। लेकिन राज्य अब पिछड़ गया है और हमें अपना खोया हुआ गौरव वापस पाने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है। उन्होंने केरल के नारियल किसानों को राज्य में नारियल की स्थिति में सुधार लाने की दिशा में एक केंद्रित तरीके से काम करने के लिए प्रेरित किया।
सब्सिडी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
नारियल विकास बोर्ड के सीईओ डॉ. प्रभात कुमार ने अपने भाषण में खेती में सतत नारियल उत्पादन और लाभप्रदता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने घोषणा की कि संशोधित लागत मानदंडों के अंतर्गत, क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के लिए सब्सिडी 6,500 रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 56,000 रुपये कर दी गई है। इसी प्रकार, पौध उत्पादन के लिए सब्सिडी 8 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपये कर दी गई है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और निर्यात में एकीकृत प्रयास इस क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने हितधारकों से देश में नारियल क्षेत्र के एकीकृत विकास के लिए एकजुट होकर काम करने का आग्रह किया। नारियल विकास बोर्ड के अध्यक्ष सुबा नागराजन ने कहा कि बोर्ड को नारियल की खेती और उद्योग के एकीकृत विकास का समर्थन करने वाली योजनाओं के लिए अधिक बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने संशोधित योजनाओं, मूल्य संवर्धन और कौशल विकास पहलों के माध्यम से एक जलवायु-प्रतिरोधी नारियल अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए बोर्ड की प्रतिबद्धता दोहराई, जिसका उद्देश्य लाखों किसानों और श्रमिकों के लिए स्थायी आजीविका सुनिश्चित करना है।
निर्यात में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को मिला सम्मान
नारियल उद्योग में उत्कृष्ट प्रदर्शन को मान्यता देने के लिए नारियल विकास बोर्ड द्वारा स्थापित निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार, समारोह के दौरान प्रदान किए गए। यूनाइटेड कार्बन सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, तिरुपुर, तमिलनाडु ने सर्वश्रेष्ठ नारियल खोल-आधारित उत्पाद निर्यातक के लिए स्वर्ण पुरस्कार जीता, जबकि नोवा कार्बन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, तिरुनेलवेली और जैकोबी कार्बन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर ने क्रमशः रजत और कांस्य प्राप्त किया।
सर्वश्रेष्ठ नारियल कर्नेल-आधारित उत्पाद निर्यातक श्रेणी में मैरिको लिमिटेड, मुंबई ने स्वर्ण जीता, उसके बाद मेझुक्कटिल मिल्स, अलुवा, केरल को रजत पदक और फेयर एक्सपोर्ट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई कांस्य पदक मिला। शक्ति कोको प्रोडक्ट्स, पोलाची, तमिलनाडु ने सर्वश्रेष्ठ नारियल पानी-आधारित उत्पाद निर्यातक के लिए स्वर्ण पुरस्कार प्राप्त किया।
कोयंबटूर स्थित कार्ब्योर एक्टिवेटेड कार्बन प्राइवेट लिमिटेड को सर्वश्रेष्ठ महिला निर्यातक और तिरुपुर स्थित ग्लोबल कोकोनट फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को सर्वश्रेष्ठ किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) निर्यातक का पुरस्कार मिला। इस अवसर पर नारियल विकास बोर्ड के प्रकाशनों का भी विमोचन किया गया। एम.के. राघवन ने उन्नत नारियल खेती की तकनीकें जारी कीं, जबकि नारियल विकास बोर्ड के सीईओ डॉ. प्रभात कुमार ने अंग्रेजी में नारियल विकास बोर्ड योजना पुस्तिका का विमोचन किया। सुबा नागराजन ने नारियल विकास बोर्ड योजना पुस्तिका का हिंदी संस्करण जारी किया और डा.बी.हनुमंते गौड़ा मुख्य नारियल विकास अधिकारी ने नारियल विकास बोर्ड की संशोधित योजनाओं पर दिशानिर्देश जारी किए।
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