राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)पशुपालन (Animal Husbandry)

पशुपालकों को मिली नई उम्मीद, नेपियर घास से होगा हरा चारा उपलब्ध

13 अगस्त 2024, भोपाल: पशुपालकों को मिली नई उम्मीद, नेपियर घास से होगा हरा चारा उपलब्ध – सुल्तानपुर के कृषि विज्ञान केंद्र, बरासिन द्वारा एक महत्वपूर्ण खोज की गई है जिससे पशुपालकों को साल भर हरा चारा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। यह खोज नेपियर घास की है, जो पोषक तत्वों से भरपूर है और एक बार रोपण करने पर चार से पांच साल तक कटाई की जा सकती है।

जिला सुल्तानपुर में दुधारु पशुओं की संख्या आठ लाख से अधिक है। ऐसे में, नेपियर घास से अब पशुपालकों को चारे के लिए भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। नेपियर घास का उपयोग करने से सरकारी गौशालाओं में भी गोवंशों को राहत मिलेगी और मृत्यु दर कम होने की संभावना है।

नेपियर घास डेढ़ माह में तैयार हो जाती है और इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। इसकी जड़ें और पत्तियाँ पशुओं के लिए अत्यंत लाभकारी होती हैं। यह घास बाजार के हाइब्रिड क्रॉस का स्वरूप है और इसे कृषि अनुसंधान इकाई बरासिन द्वारा विकसित किया गया है।

कृषि विज्ञान केंद्र और पशुपालन विभाग की संयुक्त पहल से यूपी के अन्य जिलों में भी यह तकनीक अपनाई जाएगी। नेपियर घास की बुवाई के दो महीने में ही यह तैयार हो जाती है, और इससे हरे चारे का संकट दूर हो जाएगा। इसके अलावा, इसे गर्मी और ठंड के मौसम में ग्रीन साइलेज के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस नई तकनीक से दूध उत्पादन में सुधार होगा और पशुपालक चार से पांच साल तक इसका लाभ उठा सकेंगे।

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