पशु स्वास्थ्य सुरक्षा पर बड़ा कदम: भारत में 25 मिलियन डॉलर की महामारी निधि परियोजना का शुभारंभ
28 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: पशु स्वास्थ्य सुरक्षा पर बड़ा कदम: भारत में 25 मिलियन डॉलर की महामारी निधि परियोजना का शुभारंभ – केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने आज देश में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 25 मिलियन डॉलर की महामारी निधि परियोजना का शुभारंभ किया। जी-20 महामारी निधि द्वारा वित्तपोषित इस परियोजना का उद्देश्य भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों को रोकने और बेहतर प्रबंधन के लिए भारत की पशु स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करना है।
इस कार्यक्रम में राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल और श्री जॉर्ज कुरियन सहित प्रमुख अधिकारी और नीति आयोग, जी-20 शेरपा श्री अमिताभ कांत, और मत्स्य पालन मंत्रालय की सचिव सुश्री अलका उपाध्याय भी मौजूद थे।
पशुधन क्षेत्र की भूमिका और स्वास्थ्य प्रबंधन की जरूरत
मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि पशुधन क्षेत्र देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ-साथ समाज के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में पशुपालन क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं की मदद से सुधार हुआ है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) के तहत खुरपका-मुंहपका रोग और ब्रुसेलोसिस के उन्मूलन की दिशा में भी प्रगति की जा रही है। वर्तमान में, देशभर में 90.87 करोड़ एफएमडी और 4.23 करोड़ ब्रुसेलोसिस टीके लगाए गए हैं, जबकि नौ राज्यों में एफएमडी मुक्त क्षेत्र बनाने की योजना है।
महामारी निधि परियोजना और “एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण”
यह परियोजना पशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए “एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण” को बढ़ावा देती है, जो मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को एकीकृत करके स्वास्थ्य संकटों को रोकने में मदद करेगी। मंत्री ने बताया कि महामारी निधि का उद्देश्य जीनोमिक और पर्यावरणीय निगरानी, प्रयोगशाला अवसंरचना और सीमा पार सहयोग को बढ़ावा देना है, जो रोगों की पहचान और रोकथाम में सहायक होगा। परियोजना के तहत जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाले रोगों (जूनोटिक बीमारियाँ) पर निगरानी और नियंत्रण के लिए एक एकीकृत प्रणाली भी स्थापित की जाएगी।
पशु चिकित्सा दिशानिर्देश और संकट प्रबंधन योजना की शुरूआत
मंत्री ने भारत में पशु स्वास्थ्य प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए दो दस्तावेज भी जारी किए हैं:
- मानक पशु चिकित्सा उपचार दिशानिर्देश (एसवीटीजी): यह दिशानिर्देश पशु चिकित्सा देखभाल की सर्वोत्तम विधियों को रेखांकित करता है, जिसका उद्देश्य पशुधन के स्वास्थ्य और उत्पादकता को बढ़ाना और रोगाणु-रोधी प्रतिरोध से निपटने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना को समर्थन देना है।
- पशु रोगों के लिए संकट प्रबंधन योजना (सीएमपी): यह योजना पशु रोगों के प्रकोप को प्रभावी ढंग से रोकने और प्रबंधन करने की रूपरेखा प्रदान करती है, ताकि समय पर रोकथाम और शमन संभव हो सके।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और भविष्य के कदम
यह परियोजना एशियाई विकास बैंक (एडीबी), खाद्य और कृषि संगठन (एफओए) और विश्व बैंक के सहयोग से चलाई जाएगी, जिससे भारत की पशु स्वास्थ्य प्रणालियाँ और अधिक सुदृढ़ होंगी और भविष्य में महामारियों से निपटने में सहायक साबित होंगी।
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