National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

अमृत काल के बजट से निकला ‘अमृत’

Share

केन्द्रीय आम बजट – 2023-24 : लक्ष्य : 20 लाख करोड़ का मिलेगा कृषि ऋण

  • (विशेष प्रतिनिधि)

7 फरवरी 2023,  नई दिल्ली । अमृत काल के बजट से निकला ‘अमृत’ – वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी पूर्ण आम बजट 2023-24  पेश  किया। संसद में आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल में यह पहला बजट है। वर्तमान वर्ष के लिए हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 फीसद रहने का अनुमान है, यह विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है। बजट में मोटे अनाज को बढ़ावा दिया गया है। किसानों और जनता का रुझान मोटे अनाज की तरफ फिर से बढ़े इसलिए वित्त मंत्री ने श्रीअन्न योजना शुरू की है। वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एक एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड स्थापित करने का ऐलान किया गया है। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए किया गया। कृषि मंत्रालय का कुल बजट 1.25 लाख करोड़ रखा गया है। इसके साथ ही बजट में किसानों को कई तोहफे दिए गए हैं।                     

बजट में कृषि के मुख्य बिंदु

  • कृषि का कुल बजट 1.25 लाख करोड़।
  • बागवानी उत्पादन बढ़ाने 2200 करोड़।
  • 60 हजार करोड़ पीएम किसान सम्मान निधि के लिए।
  • तीन साल में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ेगा।
  • 6000 करोड़ पीएम मत्स्य योजना के लिए।
  • 63 हजार प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ कम्प्यूटराईज्ड होंगी।
  • 10787 करोड़ पीएम कृषि सिंचाई योजना के लिए।
  • कृषि स्टार्टअप बढ़ाने एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड।
  • कपास उत्पादन बढ़ाने पर जोर।
  • मोटे अनाज को बढ़ावा देने श्रीअन्न योजना।
  • खाद-बीज की जानकारी देने के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • खाद के वैकल्पिक तरीकों को अपनाने पीएम प्रणाम योजना।
  • गोबर्धन स्कीम के तहत 500 नए प्लांट्स लगेंगे, जिसके लिए 10 हजार करोड़ रुपए का आवंटन होगा।
महंगा

चिमनी, कुछ मोबाइल फोन, कैमरे के लैंस, रसोई गैस की चिमनी, सोना-चांदी से बने गहने, सिगरेट और प्लेटिनम।

 

सस्ता

इलेक्ट्रिक वाहन, खिलौने, साइकिल, ऑटोमोबाइल, देसी मोबाइल।

7 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 5वें बजट में इनकम टैक्स में बड़ी राहत दी है। उन्होंने टैक्स स्लैब को लेकर बड़ा ऐलान किया है। अब नई कर व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपए तक की सालाना कमाई तक कोई टैक्स नहीं देना होगा। अभी तक यह सीमा 5 लाख रुपए थी।

पीपीपी मॉडल से कपास की उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास

अतिरिक्त लम्बे रेशेदार कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से कलस्टर आधारित और मूल्य श्रृंखला दृष्टिकोण अपनाएगी। इससे इनपुट आपूर्ति, एक्सटेंशन सेवाओं और बाजारों से जुड़ाव के लिए किसानों, राज्य और उद्योग के बीच परस्पर सहयोग बढ़ेगा।

आत्मनिर्भर बागवानी स्वच्छ पौध कार्यक्रम

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार 2,200 करोड़ रुपये के परिव्यय से उच्च गुणवत्ता वाली बागवानी फसलों के लिए रोगमुक्त गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा।

भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को मिलेगा बढ़ावा

वित्त मंत्री ने कहाकि, पीएम विश्व कर्म कौशल सम्मान-परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए सहायता के पैकेज की परिकल्पना की गई है, जो उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करते हुए अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करने में सक्षम बनाएगा। भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में समर्थन दिया जाएगा।

वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना

वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना की शुरूआत होगी। गोबरधन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।

मुफ्त अनाज योजना

कोरोना के दौरान शुरू की मुफ्त अनाज योजना को एक साल के लिए बढ़ाया गया है। इस योजना के तहत देश के 81.3 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज मिल रहा है। यह योजना एक साल के लिए बढ़ाई गई है।

हर व्यक्ति को मुफ्त अनाज

80 करोड़ लोगों को फ्री राशन की व्यवस्था के लिए यह योजना अगले साल तक चालू रहेगी। इस योजना से हर व्यक्ति को 5 किलो अनाज प्रति महीने दिया जाता है।

मत्स्य संपदा योजना

सरकार 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना शुरू करेगी। इसका उद्देश्य मछुआरे और मछली विक्रेताओं की गतिविधियों को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, सूक्ष्म तथा लघु उद्यमों, मूल्य श्रृंखला की क्षमताओं में सुधार लाना और मछली बाजार का विस्तार करना है।

सहकारिता

किसानों, विशेष रूप से छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए तथा अन्य वंचित वर्गों के लिए सरकार सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल को बढ़ावा दे रही है। ‘सहकार से समृद्धि’ के  विजन को साकार करने के लिए सरकार ने पहले ही 2,516 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 63,000 प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (पीएसीएस) के कम्प्यूटरीकरण का कार्य शुरू किया है।

हरित विकास

भारत हरित उद्योग और आर्थिक परिवर्तन को लाने के लिए वर्ष 2070 तक ‘पंचामृत’ तथा निवल-शून्य कार्बन उत्सर्जन की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है।

गोबरधन योजना

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) नामक स्कीम के तहत 500 नए ‘अवशिष्ट से आमदनी’ संयंत्रों को चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा। इनमें 200 कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र शामिल होंगे, जिनमें शहरी क्षेत्रों में 75 तथा 300 समुदाय या क्लस्टर आधारित संयंत्र हैं, जिनमें कुल लागत 10,000 करोड़ रुपये होगी।

1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए सहायता मिलेगी

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अगले 3 वर्षों में सरकार 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता देगी। इसके लिए, राष्ट्रीय स्तर पर वितरित सूक्ष्म-उर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनाते हुए 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।

रेलवे

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है। अब तक का यह सर्वाधिक परिव्यय है और वर्ष 2013-14 में किए गए परिव्यय से लगभग 9 गुना है।

बजट में भारतीय प्राकृतिक खेती, श्रीअन्न योजना, कृषि ऋण, मछली पालन, बागवानी और गौवर्धन जैसी लम्बी-दूरगामी परिणाम देने वाली योजना लाये हंै, उसका भारतीय किसान संघ स्वागत करता है। फिर भी अपेक्षा करता है कि सरकार बजट चर्चा में किसान सम्मान निधि और कृषि इनपुट में जीएसटी को शून्य करने जैसे विषयों पर पुन:विचार करके कोई अच्छा निर्णय लेगी।

महामंत्री, भारतीय किसान संघ

 

cm chouhanसमाज के हर वर्ग और देश के हर राज्य के कल्याण की व्यवस्था बजट में निहित है। यह गरीब कल्याण, किसानों के उत्थान, माताओं, और बेटियों को आगे बढ़ाने वाला बजट है। ये मध्यम वर्ग को सशक्त करने वाला बजट है। 

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, म.प्र.

 

kamalnath ji

बजट सरकार के पुराने वादों पर जुमलों का पर्दा डालने का प्रयास नजर आया। आशा थी कि वित्त मंत्री उन घोषणाओं पर प्रकाश डालेंगी जो 2022 में पूरी होनी थी। स्पष्ट है कि सरकार ध्यान भटकाना चाहती है।

कमल नाथ, म.प्र. कांग्रेस अध्यक्ष

 

  • भारत के अमृत काल में पहले बजट ने विकसित भारत की आकांक्षाओं और संकल्पों को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण किया है। यह बजट वंचितों को वरीयता देता है और आकांक्षी समाज, गरीबों, गांवों और मध्यम वर्ग के सपनों को साकार करने का प्रयास करता है।
    नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री
  • ‘मित्र काल’ बजट में नौकरियां पैदा करने के लिए कोई विजन नहीं, महंगाई से निपटने की कोई योजना नहीं है, असमानता को दूर करने का कोई इरादा नहीं है। यह बजट साबित करता है कि भारत के भविष्य के निर्माण के लिए कोई रोडमैप नहीं है।
    राहुल गाँधी, कांग्रेस सांसद
  • बजट से छोटे किसानों को लाभ होगा, वहीं कृषि को आधुनिकता से जोड़ते हुए प्रौद्योगिकी के जरिये कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने पर जोर दिया है ताकि किसानों को दीर्घकाल तक व्यापक लाभ मिलें।
    नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि मंत्री
  • इस बार का बजट ऐतिहासिक है। एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। जिससे पेस्टीसाइड और रसायनिक दवाइयों से मुक्ति मिलेगी। युवा और कर्मचारी जगत के लिए भी यह बजट अमृत है।
    कमल पटेल, कृषि मंत्री (म.प्र.)

महत्वपूर्ण खबर: जीआई टैग मिलने से चिन्नौर धान किसानों को मिल रहा है अधिक दाम

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *