राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत ने बनाए खाद आपूर्ति के नए मानक

60% आयात पर निर्भरता के बावजूद DAP की रिकॉर्ड आपूर्ति

28 नवंबर 2024, नई दिल्ली: वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत ने बनाए खाद आपूर्ति के नए मानक –  भारत सरकार ने रबी सीजन 2024-25 के दौरान किसानों को खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने राज्यों, रेलवे और उर्वरक कंपनियों के साथ मिलकर स्थानीय आपूर्ति की समस्याओं को हल करने और तेजी से आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में व्यापक प्रयास किए हैं।

इस सीजन में, वैश्विक चुनौतियों और भू- राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद, 17 लाख टन से अधिक डायमोनियम फॉस्फेट (DAP) देश के विभिन्न बंदरगाहों पर पहुंचाई गई और अक्टूबर व नवंबर 2024 के दौरान राज्यों में वितरित की गई। इसके अलावा, 6.50 लाख टन घरेलू उत्पादन के जरिए भी आपूर्ति की गई, जिससे कुल उपलब्धता 23 लाख टन तक पहुंच गई है।

वैश्विक चुनौतियों के बीच आपूर्ति का प्रबंधन

भारत अपनी कुल DAP जरूरत का लगभग 60% आयात पर निर्भर है। इस बार रेड सी संकट और प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं द्वारा निर्यात में कमी ने आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित किया। रेड सी संकट के कारण फॉस्फोरिक एसिड जैसी आवश्यक सामग्री की आवाजाही के मार्ग बदलने पड़े, जिससे समुद्री यात्रा का समय बढ़ गया और आपूर्ति में बाधाएं आईं।

NPKS की बढ़ती मांग से राहत

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों ने DAP की कमी को पूरा करने के लिए NPKS उर्वरकों का उपयोग बढ़ाया है। पिछले रबी सीजन की तुलना में इन राज्यों में 5 लाख टन अधिक NPKS का उपयोग हुआ है। पूरे देश में, NPKS की खपत पिछले वर्ष की तुलना में 10 लाख टन अधिक रही।

सरकार की गहन कोशिशों से रबी 2024-25 के दौरान अब तक 34.81 लाख मीट्रिक टन (LMT) DAP और 55.14 LMT NPKS उपलब्ध कराया गया है। किसानों को राहत देने और आपूर्ति में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने के लिए केंद्र सरकार लगातार राज्यों और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है।

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