किसान आंदोलन: पंजाब सीएम ने मोदी सरकार के रुख की कड़ी आलोचना की, किसानों से संवाद की मांग
03 जनवरी 2025, नई दिल्ली: किसान आंदोलन: पंजाब सीएम ने मोदी सरकार के रुख की कड़ी आलोचना की, किसानों से संवाद की मांग – पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर किसानों के प्रति अपनी उदासीनता और किसान विरोधी नीतियों के लिए कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार केंद्र के किसी भी कदम का विरोध करेगी, जो किसान विरोधी “काले कानूनों” को “पीछे के दरवाजे” से फिर से लागू करने की कोशिश करेगा।
मुख्यमंत्री ने अपनी आधिकारिक निवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन पिछले कई महीनों से चल रहा है। किसानों की मुख्य मांगें हैं — कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, जिन्हें पंजाब सरकार समर्थन देती है, लेकिन इसका समाधान केंद्र सरकार से जुड़ा हुआ है।
केंद्र सरकार की उपेक्षा पर सवाल
भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने सत्ता में आने के बाद से किसानों के मुद्दों पर कोई गंभीर कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार काले कानूनों को फिर से लागू करने की कोशिश कर रही है, जो किसानों के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने कभी भी किसानों की भलाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जबकि किसानों ने केंद्र सरकार से कई बार अपनी मांगें रखी हैं।
किसान नेता दलेवाल की भूख हड़ताल
मुख्यमंत्री ने किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल की भूख हड़ताल के संदर्भ में कहा कि पंजाब सरकार ने दलेवाल की सेहत का ध्यान रखने के लिए 50 से अधिक डॉक्टर तैनात किए हैं। उन्होंने खुद दलेवाल से बात की और उन्हें हड़ताल समाप्त करने की अपील की, क्योंकि उनका जीवन देश और किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस मामले में कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई।
केंद्र और हरियाणा की भूमिका पर उठाए सवाल
भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार के रवैये के कारण पंजाब को हर दिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा किसानों पर बल प्रयोग और पंजाब को दोषी ठहराने का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा किसानों के पक्ष में खड़ा रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार गन्ना किसानों को सर्वोच्च समर्थन मूल्य (SAP) दे रही है और कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पानी की स्थिति में सुधार करने के लिए भी कई कदम उठाए हैं।
केंद्र से अपील
भगवंत मान ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह दिल्ली विधानसभा चुनावों के लाभ के लिए पंजाब में शांति भंग करने की कोशिश न करे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए, ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार किसानों को डीएपी खाद और चावल उठाने में विफल रही है, जबकि राज्य सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के कृषि से जुड़े फैसलों को राज्य पर थोपने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने अंत में यह कहा कि पंजाब को न तो अतिरिक्त बल की आवश्यकता है और न ही एयर एम्बुलेंस की, बल्कि केंद्र सरकार को किसानों से संवाद शुरू करना चाहिए और उनके मुद्दों का समाधान करना चाहिए।
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