FY25 में कृषि ऋण 28 लाख करोड़ के आंकड़े को छूने की संभावना: नाबार्ड प्रमुख
07 जनवरी 2025, नई दिल्ली: FY25 में कृषि ऋण 28 लाख करोड़ के आंकड़े को छूने की संभावना: नाबार्ड प्रमुख – राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के चेयरमैन शाजी केवी ने बताया कि FY25 में कृषि ऋण 13% से अधिक की वृद्धि के साथ ₹27-28 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में कृषि ऋण औसतन 13% की दर से बढ़ा है। इस वित्तीय वर्ष में हम ₹27-28 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। यह वृद्धि अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में औपचारिक ऋण प्रणाली के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है।”
सरकार वाणिज्यिक बैंक, ग्रामीण बैंक, और सहकारी बैंकों के लिए हर साल कृषि ऋण का लक्ष्य निर्धारित करती है। FY24 में, ₹20 लाख करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले ₹25.1 लाख करोड़ का वितरण किया गया, जो लक्ष्य से 25% अधिक था।
भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण और एग्री स्टैक
शाजी ने कहा कि किसानों को औपचारिक ऋण के लिए सही दस्तावेज और KYC प्रक्रिया पूरी करनी होती है। हालांकि, कई क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड की कमी एक चुनौती बनी हुई है।
उन्होंने कहा, “इस समस्या को हल करने के लिए सरकार एग्री स्टैक पहल के तहत भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण कर रही है। इसमें तीन लेयर शामिल हैं: फार्म लेयर (भूमि रिकॉर्ड), फार्मर लेयर (KYC), और क्रॉप लेयर (फसल जानकारी)। नाबार्ड इस पहल में सरकार के साथ साझेदारी कर रहा है।”
शाजी ने बताया कि नाबार्ड प्राथमिक सहकारी समितियों (PCS) को कंप्यूटराइज करने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “देश में लगभग 1 लाख सहकारी समितियां हैं, जिनमें से 67,000 को इस वित्तीय वर्ष में डिजिटल किया जाएगा। अब तक 50,000 समितियां कंप्यूटराइज हो चुकी हैं।”
कृषि ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड का विस्तार
शाजी ने बताया कि KCC योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों के साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को भी शामिल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “कृषि केवल फसल उत्पादन तक सीमित नहीं है। हमें पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में भी ऋण पहुंचाना होगा। इसके लिए राज्य सरकारों को इन किसानों का पंजीकरण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।”
30 जून 2023 तक KCC योजना के तहत 7.4 करोड़ सक्रिय खाते थे, जिनमें कुल ₹8.9 लाख करोड़ का बकाया ऋण है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: