भारत के जैविक उत्पादों की ताइवान में बिक्री के लिए हुआ समझौता
11 जुलाई 2024, नई दिल्ली: भारत के जैविक उत्पादों की ताइवान में बिक्री के लिए हुआ समझौता – भारत और ताइवान के बीच जैविक उत्पादों के लिए पारस्परिक मान्यता समझौता (एमआरए) नई दिल्ली में व्यापार संबंधी 9वें कार्य समूह की बैठक के दौरान 8 जुलाई, 2024 से लागू किया गया है। भारत और ताइवान के बीच एमआरए का कार्यान्वयन जैविक उत्पादों के लिए पहला द्विपक्षीय समझौता है।
एमआरए के लिए भारत सरकार के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) और ताइवान के कृषि मंत्रालय की कृषि एवं खाद्य एजेंसी (एएफए) हैं।
इस समझौते के आधार पर, राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) के अनुरूप जैविक कृषि उत्पादों को एनपीओपी के तहत एक सर्टिफाइड जैविक प्रदर्शन दस्तावेज़ (लेनदेन प्रमाण पत्र, आदि) के साथ ताइवान में “इंडिया ऑर्गेनिक” लोगो के प्रदर्शन सहित बिक्री की अनुमति है। इसी तरह, ताइवानी जैविक उत्पादों को भी सभी नियमों के तहत भारत में “ताइवान ऑर्गेनिक” लोगो के प्रदर्शन सहित बिक्री की अनुमति है।
पापस्परिक मान्यता से दोहरे प्रमाणपत्रों से बचकर जैविक उत्पादों के निर्यात में आसानी होगी और ऐसा करने से ऑपरेशनल लागत कम होगी। एमआरए प्रमुख भारतीय जैविक उत्पादों, जैसे चावल, प्रसंस्कृत खाद्य, हरी/काली और हर्बल चाय, औषधीय पौधों के उत्पादों आदि का ताइवान में निर्यात का मार्ग प्रशस्त करेगा।
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