National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का 61वां दीक्षांत समारोह

Share

25 फरवरी 2023, नई दिल्ली: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का 61वां दीक्षांत समारोह – हरित क्रांति का जनक  भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), ने अपने गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार के माध्यम से कृषि उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि को गति देना जारी रखा है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने गत 24 फरवरी 2023 को NASC परिसर, नई दिल्ली के भारत रत्न श्री सी सुब्रमण्यम हॉल में अपना 61वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया। संस्थान के दीक्षांत समारोह के लिए, श्री जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति, भारत सरकार ने समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई। इसके साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी भी इस कार्यक्रम में  उपस्थित रहे। इस अवसर पर डेयर के सचिव एवं महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद,  डॉ. हिमांशु पाठक;  सचिव उपराष्ट्रपति, भारत सरकार, श्री सुनील कुमार गुप्ता,;  भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के  कुलपति एवं निदेशक, डॉ. ए. के. सिंह; अधिष्ठाता एवं संयुक्त निदेशक (शिक्षा) डॉ. अनुपमा सिंह, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान), डॉ. विश्वनाथन चिन्नुसामी तथा संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. रविन्द्र पडारिया भी उपस्थित रहे।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का 61वां दीक्षांत समारोह

दीक्षांत समारोह के दौरान, उपराष्ट्रपति ने 5 एम.एस.सी  छात्रों और 5 डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों  को IARI मेरिट मेडल से सम्मानित किया । उन्होंने वर्ष 2021 के लिए डॉ. एच के जैन मेमोरियल यंग साइंटिस्ट अवार्ड डॉ अमलेंदु घोष, वरिष्ठ वैज्ञानिक, पादप रोग विज्ञानं संभाग को और वर्ष 2022 के लिए डॉ अदिति कुंडू, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि रसायन विभाग को प्रदान किया।

मुख्य अतिथि ने संस्थान के द्वारा विकसित गेहूं की 10 किस्मों क्रमश; एचडी 3406  एचडी 3407 एचआई 1650 (पूसा ओजस्वी), एचआई 1653 (पूसा जाग्रति), एचआई 1654 (पूसा अदिति), एचआई 1655 (पूसा हर्ष), एचआई 8826 (पूसा पोष्टिक) और एचआई 8830; चावल की दो किस्मों, पूसा बासमती 1882और पूसा साम्भा 1853,; चने की किस्म – पूसा जेजी-16 , पूसा सरसों-34  एवं  बागवानी फसलों में गुलाब की दो किस्में (पूसा लक्ष्मी और पूसा भार्गव); गैंदे की दो किस्में (पूसा पर्व और पूसा उत्सव); ग्लैडियोलस (पूसा रजत); गुलदाउदी (पूसा लोहित) और बोगेनविलिया (पूसा आकांक्षा) का विमोचन किया।

दीक्षांत समारोह के दौरान 402 छात्र-छात्राओं ने डिग्रियां प्राप्त कीं, जिनमें भारत देश के अतिरिक्त अन्य देशों के छात्र-छात्राएँ भी शामिल हैं।

डॉ. ए. के. सिंह, निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने अपने संबोधन में, संस्थान की गेहूं की किस्मों जैसे एचडी 2967, एचडी 3086 और अन्य के बारे में जानकारी दी, जिनकी खेती लगभग 15 मिलियन हेक्टेयर में की जाती है और देश के अन्न भंडार में लगभग 60 मिलियन टन गेहूं का योगदान करती है। इस वर्ष को ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रीअन्न वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है, इस सन्दर्भ में संस्थान का प्रमुख ध्यान पोषण सुरक्षा प्रदान करने के लिए बायोफोर्टिफाइड बाजरा की किस्मों के विकास पर है। इसी दिशा में काम करते हुए संस्थान द्वारा चार बायोफोर्टिफाइड बाजरे की किस्में, पीपीएमआई 1280, पीपीएमआई 1281, पीपीएमआई 1283 और पीपीएमआई 1284 (उच्च लौह और जस्ता सांद्रता के साथ) विकसित की गईं हैं।

डॉ. अनुपमा सिंह, अधिष्ठाता एवं संयुक्त निदेशक (शिक्षा) ने बताया कि पूसा संस्थान ने इस वर्ष स्नातकोतर के साथ स्नातक शिक्षण को शुरू करके अपने गौरवशाली इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है।

दीक्षांत समारोह का समापन डॉ. अनुपमा सिंह, अधिष्ठाता और संयुक्त निदेशक (शिक्षा) द्वारा औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ|

महत्वपूर्ण खबर: गेहूँ मंडी रेट (24 फरवरी 2023 के अनुसार)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम )

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *