प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में फसल प्रभावित होने की आशंका के बीच निगरानी
06 मार्च 2023, नई दिल्ली: प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में फसल प्रभावित होने की आशंका के बीच निगरानी – गेहूं की फसल की स्थिति की निगरानी के लिए केंद्रीय कृषि विभाग (DA&FW) द्वारा गठित समिति की एक बैठक हाल ही में ICAR- भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल में आयोजित की गई थी।
बैठक में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू), प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने भाग लिया।
गेहूं की फसल की वर्तमान स्थिति को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों जिनमें गेहूं का रकबे 85 प्रतिशत से अधिक है प्रस्तुत किया गया और विस्तार से चर्चा की गई। समिति ने आकलन किया कि आज की तारीख में सभी प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल की स्थिति सामान्य है।
आईसीएआर और स्टेट यूनिवर्सिटी (एसएयू) के गहन प्रयासों के कारण, बड़ी संख्या में टर्मिनल हीट स्ट्रेस सहिष्णु किस्मों का विकास किया गया और अब 50 प्रतिशत से अधिक के अनुमानित क्षेत्र में खेती की जा रही है, विशेष रूप से उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में।
इसके अलावा, लगभग 75% क्षेत्र हरियाणा और पंजाब में अगेती और समय पर बुवाई की स्थिति में है और इसलिए अगेती बुवाई वाले फसल क्षेत्र मार्च में गर्मी की स्थिति से प्रभावित नहीं होंगे।
केन्द्रीय बारानी कृषि अनुसन्धान संस्थान (CRIDA), हैदराबाद स्थित अखिल भारतीय समन्वित कृषि मौसम विज्ञान अनुसंधान परियोजना (AICRPAM) के सहयोग से भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), जिला कृषि मौसम विज्ञान इकाइयों (DAMUs) के नेटवर्क के माध्यम से सप्ताह में दो बार मंगलवार और गुरुवार को कृषि सलाह जारी कर रहा है, ।
भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल उन किसानों को आवश्यक फसल-विशिष्ट सलाह प्रदान करता है जो केवीके से मोबाइल ऐप या राज्य कृषि विभागों के माध्यम से जुड़े हुए हैं।
कृषि मंत्रालय में, फ़सल की स्थिति की निगरानी के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के संबंधित विभागों और मंत्रालयों को शामिल करते हुए हर सप्ताह फ़सल मौसम निगरानी समूह की बैठकें आयोजित की जाती हैं।
यह भी निर्णय लिया गया कि आईसीएआर/एसएयू के साथ केंद्र और राज्य सरकारों की सभी विस्तार एजेंसियों को नियमित रूप से किसानों के खेतों का दौरा करना चाहिए और जहां भी गर्मी के तनाव की स्थिति होती है, वहां किसानों को समय पर परामर्श देना चाहिए।
महत्वपूर्ण खबर: गेहूँ मंडी रेट (04 मार्च 2023 के अनुसार)
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