पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त जारी, इन तीन राज्यों के किसानों के खाते में आए 540 करोड़ रुपये
27 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त जारी, इन तीन राज्यों के किसानों के खाते में आए 540 करोड़ रुपये – केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त बाढ़ से प्रभावित तीन राज्यों हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के किसानों के लिए जारी कर दी है। इस किस्त के तहत कुल 27 लाख किसानों के खातों में 540 करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए हैं। यह कदम उन किसानों को राहत देने के लिए उठाया गया है जिनकी फसलें और खेत भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली के कृषि भवन से इस किस्त का वितरण किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के साथ खड़े हैं और इस तरह की सीधी मदद किसानों के लिए तुरंत राहत का काम करेगी। किसानों को भेजी गई यह राशि उन्हें आगामी रबी सीजन के लिए खाद, बीज और अन्य कृषि सामग्री खरीदने में मदद करेगी।
बाढ़ से प्रभावित राज्यों के किसानों को मिला भारी लाभ
इस किस्त के वितरण में हिमाचल प्रदेश के 8 लाख किसानों को लगभग 160 करोड़ रुपये, पंजाब के 11 लाख किसानों को 221 करोड़ रुपये और उत्तराखंड के 7 लाख किसानों को 157 करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में भेजे गए हैं। कृषि मंत्रालय ने बताया कि यह राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर कर सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है कि वे प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी किसानों के साथ खड़े हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर किसानों से मुलाकात की थी और उनके नुकसान का जायजा लिया था। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया था कि पीएम किसान योजना के तहत उनकी मदद की जाएगी। इसके बाद सरकार ने तेजी से इस किस्त को जारी किया।
पीएम किसान योजना से किसानों को मिल रही स्थायी राहत
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को हर साल ₹6,000 की आर्थिक सहायता तीन किश्तों में मिलती है। यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को सीधी आर्थिक मदद देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। अब जब प्राकृतिक आपदा आई है, तो केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत किसानों की फसल और आय के नुकसान को देखते हुए अग्रिम किस्त जारी की है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस योजना की मदद से किसानों को न केवल तत्काल राहत मिलती है, बल्कि वे अपने खेतों के लिए जरूरी संसाधन भी समय पर खरीद पाते हैं, जिससे उनकी आय स्थिर बनी रहती है।
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