₹2,500 करोड़ की परियोजना से PACS को मिलेगा डिजिटल सशक्तिकरण
28 नवंबर 2024, नई दिल्ली: ₹2,500 करोड़ की परियोजना से PACS को मिलेगा डिजिटल सशक्तिकरण – भारत सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार और सहकारी समितियों (पैक्स) को मजबूत बनाने के लिए डिजिटलीकरण की एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस परियोजना का उद्देश्य सहकारी समितियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना और उनकी सेवाओं में विविधता लाना है। यह जानकारी केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के दौरान साझा की।
डिजिटलीकरण की योजना और प्रगति
सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण के लिए ₹2,516 करोड़ की वित्तीय परियोजना को मंजूरी दी गई है। इसका उद्देश्य देश की सभी कार्यात्मक प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) को एक सामान्य ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) सॉफ्टवेयर पर लाना है।
परियोजना में:
- केंद्र सरकार का योगदान ₹1,528 करोड़,
- राज्य सरकारों का योगदान ₹736 करोड़,
- नाबार्ड का योगदान ₹252 करोड़ है।
डिजिटलीकरण का राज्यवार विवरण
31 मार्च 2024 तक सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण की स्थिति निम्नानुसार है:
क्रमांक | राज्य/संघ राज्य क्षेत्र | चयनित पैक्स | हार्डवेयर वितरण | ईआरपी ऑनबोर्डेड |
1. | महाराष्ट्र | 12,000 | 7986 | 4,516 |
2. | राजस्थान | 6,781 | 5492 | 2675 |
3. | गुजरात | 5,754 | 0 | 2795 |
4. | उत्तर प्रदेश | 5,686 | 3062 | 1539 |
5. | कर्नाटक | 5,491 | 5491 | 13 |
6. | मध्य प्रदेश | 4,534 | 4534 | 4329 |
7. | तमिलनाडु | 4,532 | 4532 | 45 |
8. | बिहार | 4,495 | 0 | 2996 |
9. | पश्चिम बंगाल | 4,167 | 1647 | 19 |
10. | पंजाब | 3,482 | 3418 | 122 |
11. | आंध्र प्रदेश | 2,037 | 0 | 12 |
12. | छत्तीसगढ | 2,028 | 0 | 620 |
13. | झारखंड | 1,500 | 0 | 1275 |
14. | हिमाचल प्रदेश | 870 | 870 | 817 |
15. | हरयाणा | 711 | 0 | 106 |
16. | उत्तराखंड | 670 | 0 | 670 |
17. | असम | 583 | 583 | 575 |
18. | जम्मू और कश्मीर | 537 | 533 | 526 |
19. | त्रिपुरा | 268 | 268 | 205 |
20. | मणिपुर | 232 | 0 | 0 |
21. | नगालैंड | 231 | 33 | 33 |
22. | मेघालय | 112 | 112 | 39 |
23. | सिक्किम | 107 | 107 | 107 |
24. | गोवा | 58 | 16 | 12 |
25. | एएनआई | 46 | 46 | 46 |
26. | पुडुचेरी | 45 | 45 | 37 |
27. | मिजोरम | 25 | 0 | 24 |
28. | अरुणाचल प्रदेश | 14 | 44 | 14 |
29. | लद्दाख | 10 | 10 | 10 |
30. | डीएनएच और डीडी | 4 | 0 | 0 |
कुल | 67,010 | 38,829 | 24,177 |
सामान्य सेवा केंद्र के रूप में सहकारी समितियां
डिजिटलीकरण के अंतर्गत सहकारी समितियों को सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाया गया है। इससे ग्रामीण नागरिकों को 300 से अधिक ई-सेवाएं, जैसे बैंकिंग, बीमा, आधार सेवाएं, स्वास्थ्य और कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जा रही हैं।
21 नवंबर 2024 तक सीएससी के रूप में कार्यरत सहकारी समितियों की राज्यवार संख्या निम्नलिखित है:
क्र. सं. | राज्य | सीएससी के रूप में कार्यरत पैक्स की संख्या |
कुल योग (ए+बी) | 40214 | |
1 | आंध्र प्रदेश | 1866 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | 8 |
3 | असम | 620 |
4 | बिहार | 3089 |
5 | छत्तीसगढ | 1798 |
6 | गोवा | 34 |
7 | गुजरात | 1918 |
8 | हरियाणा | 199 |
9 | हिमाचल प्रदेश | 788 |
10 | झारखंड | 1162 |
11 | कर्नाटक | 1235 |
12 | केरल | 11 |
13 | मध्य प्रदेश | 3376 |
14 | महाराष्ट्र | 5860 |
15 | मणिपुर | 71 |
16 | मेघालय | 75 |
17 | मिजोरम | 14 |
18 | नगालैंड | 7 |
19 | ओडिशा | 604 |
20 | पंजाब | 971 |
21 | राजस्थान | 5070 |
22 | सिक्किम | 47 |
23 | तमिलनाडु | 4453 |
24 | तेलंगाना | 481 |
25 | त्रिपुरा | 153 |
26 | उत्तराखंड | 625 |
27 | उत्तर प्रदेश | 5125 |
28 | पश्चिम बंगाल | 31 |
कुल (ए) | 39691 | |
क्र. सं. | राज्य | सीएससी के रूप में कार्यरत पैक्स की संख्या |
1 | अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह | 3 |
2 | जम्मू और कश्मीर | 479 |
3 | लद्दाख | 7 |
4 | पुडुचेरी | 26 |
5 | दमन और दीव और डीएनएच | 8 |
कुल (बी) | 523 |
डिजिटलीकरण का महत्व
- पारदर्शिता और जवाबदेही: डिजिटलीकरण से धनराशि के प्रवाह और व्यय की निगरानी पारदर्शी तरीके से की जा रही है।
- सेवाओं में विस्तार: सहकारी समितियां अब केवल ऋण गतिविधियों तक सीमित नहीं हैं। वे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, बैंकिंग और अन्य सेवाओं के व्यापक प्रदाता बन रही हैं।
- आर्थिक स्थिरता: सीएससी के रूप में काम करने से सहकारी समितियों को अतिरिक्त आय स्रोत प्राप्त हो रहे हैं।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: