कृषि उद्योग के लिए महत्वपूर्ण रहा वर्ष 2024- श्री आशीष डोभाल
01 जनवरी 2025, नई दिल्ली: कृषि उद्योग के लिए महत्वपूर्ण रहा वर्ष 2024- श्री आशीष डोभाल – यूपीएल एसएएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आशीष डोभाल ने कृषि उद्योग के लिए बीते वर्ष 2024 पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि “कृषि उद्योग के लिए साल 2024 महत्वपूर्ण वर्ष रहा और जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान इस क्षेत्र में3.5% की वृद्धि दर के साथ सुधार हुआ है, जो पिछले साल की इसी अवधि में दर्ज 1.7% के मुकाबलेदोगुना है। साल की पहली छमाही में, इस क्षेत्र में 2.7% की वृद्धि हुई, जो पिछले साल दर्ज 2.8% की वृद्धिसे थोड़ी कम है। औसत से बेहतर मानसून और बेहतर ग्रामीण खपत से प्रेरित इस उछाल का आर्थिकविकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कृषि पद्धतियों को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से ‘डिजिटल कृषि मिशन’ और महिलाओं को कृषि में ड्रोन का उपयोग करने के लिए सशक्त बनाने वाली ‘नमो ड्रोन दीदी ‘ योजना जैसी सरकारी पहलों ने इस क्षेत्र में नवोन्मेष और समावेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा, इस साल खेती में प्रौद्योगिकी का बढ़ता महत्व सामने आया और इससे पता चलता है कि कैसे नवोन्मेष कृषि पद्धतियों में बदलाव ला सकता है और उन्हें भविष्य के लिए अधिक दक्ष तथा वहनीय बना
सकता है।
यूपीएल ने किसानों और खाद्य प्रणालियों के लिए ‘वहनीयता की पुनर्कल्पना’ के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप,अपने पर्यावरण में बदलाव से जुड़े असर को कम करने, अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी पहलों में बढ़ोतरी औरअपने संचालन को मज़बूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पारंपरिक पौध संरक्षण उत्पादों के साथ जैव समाधानों को शामिल करना महत्वपूर्ण रहा, जो आधुनिक कृषि आवश्यकताओं के लिए समग्र समाधान प्रदान करता है। हम उत्पाद उपयोग, मशीनीकरण, जोखिम कवर समाधान और मृदा स्वास्थ्य समाधान समेत कृषि परितंत्र में बदलाव लाकर जलवायु परिवर्तन से पैदा चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं औरअधिक वहनीय कृषि प्रथाओं को बढ़ावा दे रहे हैं।हमारा लक्ष्य है, पर्यावरणीय असर को कम करना, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, ज़िम्मेदार उत्पादन को बढ़ावा देना और सामुदायिक कल्याण बढ़ाना।
गौरतलब है कि 2025 तक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), सेंसर-आधारितआईओटी, ड्रोन और उपग्रह जैसी प्रौद्योगिकी की सुलभता और इस्तेमाल बढ़ने की उम्मीद है। ये नवोन्मेषभारत में कृषि भूमि की उत्पादकता बढ़ाने और समृद्धि को बढ़ावा देने की अपार क्षमता प्रदान करते हैं,जिससे सटीक कृषि (प्रेसिज़न एग्रीकल्चर) का मार्ग प्रशस्त होता है। अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी),आपूर्ति श्रृंखलाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार, तथा उत्पादन और भंडारण बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता कृषि में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने पर और अधिक ज़ोर दे सकती है। इसके अतिरिक्त, उम्मीद है कि लक्षित प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों द्वारा समर्थित किसानों के वहनीय कृषि पद्धतियों को अपनाने की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यूपीएल में, हम उत्पादकता, वहनीयता और लचीलेपन को बढ़ावा देने वाले नवोन्मेषी समाधानों के साथ किसानों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित हैं। हम अपनी उपलब्धियों को आगे बढ़ाने और कृषि को अधिक वहनीय और समावेशी उद्योग में बदलने के लिए तत्पर हैं। “
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