कम्पनी समाचार (Industry News)

मोजेक कंपनी फाउंडेशन विज्ञान पुरस्कार समारोह की दसवीं सालगिरह

04 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: मोजेक कंपनी फाउंडेशन विज्ञान पुरस्कार समारोह की दसवीं सालगिरह – 1 अप्रैल, 2025 को गुरुग्राम के ली मेरिडियन में एक शानदार समारोह में मोजेक कंपनी फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल फूड सिस्टम्स और एस एम सहगल फाउंडेशन ने अपने वार्षिक पुरस्कारों की दसवीं सालगिरह मनाई। इस खास मौके पर पौध पोषण के क्षेत्र में बेहतरीन रिसर्च को सम्मानित किया गया। ‘मोजेक कंपनी फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल फूड सिस्टम्स अवॉर्ड्स फॉर प्लांट न्यूट्रिशन रिसर्च’ के तहत ये पुरस्कार उन वैज्ञानिकों को दिए गए, जिन्होंने सतत खाद्य प्रणालियों के लिए अनुसंधान और नवाचार में बड़ा योगदान दिया है।

ये अवॉर्ड्स पौध पोषण के क्षेत्र में वैज्ञानिक खोजों, जागरूकता और नए आइडियाज को बढ़ावा देने का काम करते हैं। ‘आउटस्टैंडिंग डॉक्टोरल रिसर्च अवॉर्ड’ उन शोधकर्ताओं को मिला, जिन्होंने इस क्षेत्र में गहरी सोच और असाधारण क्षमता दिखाई। वहीं, ‘यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड’ उन युवा वैज्ञानिकों के लिए था, जिन्होंने पौध पोषण में शानदार काम किया और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने में मदद की।

इस साल के विजेताओं में डॉ. अभिलाषा त्रिपाठी (आउटस्टैंडिंग डॉक्टोरल रिसर्च अवॉर्ड फॉर वुमेन), डॉ. दिब्येंदु चटर्जी (यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड) और डॉ. संदीप बेदवाल (आउटस्टैंडिंग डॉक्टोरल रिसर्च अवॉर्ड) शामिल रहे। इन्हें सर्टिफिकेट, गोल्ड मेडल, ब्लेजर और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर डॉ. त्रिलोचन महापात्रा मौजूद थे, जो प्लांट वैरायटीज एंड फार्मर्स राइट्स अथॉरिटी के अध्यक्ष और ICAR के पूर्व महानिदेशक रह चुके हैं। उन्होंने सभी विजेताओं को बधाई दी और इस पहल की तारीफ की। मोजेक कंपनी के प्रेसिडेंट और सीईओ ब्रूस बोडाइन, कार्यकारी उपाध्यक्ष जेनी वांग, उपाध्यक्ष बेन प्रैट और एस एम सहगल फाउंडेशन के पूर्व कुलपति डॉ. जे. सी. कट्याल ने मुख्य भाषण दिए।

मोजेक इंडिया के प्रबंध निदेशक रॉबिन एडविन ने कहा, “कृषि वैज्ञानिकों का सम्मान करना हमारे लिए गर्व की बात है। ये लोग वैश्विक खाद्य जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।” वहीं, ब्रूस बोडाइन ने जोर देकर कहा कि खाद्य सुरक्षा आज की सबसे बड़ी चुनौती है और इसके लिए नए इनोवेटर्स की जरूरत है।

एस एम सहगल फाउंडेशन की सीईओ अंजली मखीजा ने ‘कृषि ज्योति’ प्रोजेक्ट का जिक्र किया, जो मोजेक और सहगल फाउंडेशन की साझेदारी का नतीजा है। इस प्रोजेक्ट ने 7 राज्यों के 273 गांवों में 8 लाख लोगों की जिंदगी बेहतर की है। उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार सतत खेती और सामुदायिक विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

इस इवेंट में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, मृदा विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र, फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। ये समारोह न सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, बल्कि टिकाऊ खेती के भविष्य की झलक भी दिखाया।

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