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सिंजेंटा इंडिया ने ग्लोबल बायोएगटेक वर्ल्ड कांग्रेस 2025 में सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप किया प्रस्तुत

26 अप्रैल 2025, मध्य प्रदेश: सिंजेंटा इंडिया ने ग्लोबल बायोएगटेक वर्ल्ड कांग्रेस 2025 में सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप किया प्रस्तुत – वर्ष 2050 तक सभी के लिए सुरक्षित और किफायती भोजन सुनिश्चित करने हेतु किसानों को टिकाऊ तरीके से 50 प्रतिशत अधिक फसल उत्पादन करने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, सिंजेंटा इंडिया ने आज ग्लोबल बायोएगटेक वर्ल्ड कांग्रेस 2025 में किसानों को वैज्ञानिक आधार पर जैविक उत्पादों के नवाचार से सशक्त बनाने हेतु अपना रोडमैप प्रस्तुत किया।

सिंजेंटा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुशील कुमार ने कहा, “कृषि आज अनेक जटिल चुनौतियों का सामना कर रही है। इसलिए हमें ऐसी रणनीति अपनानी होगी, जिससे फसलों की खेती टिकाऊ और लाभकारी ढंग से की जा सके। जैविक उत्पाद हमारे सर्वोत्तम उपायों का केंद्र हैं, जो मृदा स्वास्थ्य को सुधारने, फसलों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और भारतीय किसानों के लिए समग्र समाधान प्रदान करने का कार्य करते हैं।”

कुमार ने नवाचार की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में किसान कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि खाद्य श्रृंखला और भोजन में अवशेष प्रबंधन को लेकर जनदबाव, किसानों के विकल्पों को सीमित करता है। “प्रतिरोध और कीट व्यवहार में बदलाव के कारण समाधान की प्रभावशीलता घट रही है, जिससे नए तरीके की आवश्यकता है,” उन्होंने कहा।

सुशील कुमार ने सतत कृषि के लिए नीति समर्थन की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा, “हमें आधुनिक कृषि को साकार करने के लिए विभिन्न उपकरणों की आवश्यकता है। इस चुनौती से निपटने के लिए व्यापक प्रयास चाहिए और जैविक उत्पाद व बीज उपचार इस बदलाव के केंद्र में हैं। अगर हम साहसपूर्वक नवाचार करें, तो भविष्य की खाद्य सुरक्षा को नया आकार दे सकते हैं।”

जैविक उत्पादों के विषय में कुमार ने बताया कि प्राकृतिक सूक्ष्मजीव, समुद्री शैवाल और पौधों के अर्क पोषक तत्वों के चक्रण, कीट व रोग प्रबंधन और पौधों की वृद्धि में सहायता करते हैं। “तीन मुख्य प्रकार के जैविक उत्पाद – बायोस्टिमुलेंट्स, पोषक तत्व उपयोग दक्षता उत्पाद और बायोकंट्रोल – किसानों को प्रतिरोध प्रबंधन, मृदा स्वास्थ्य में सुधार, खाद्य में अवशेष को घटाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए अधिक विकल्प प्रदान करते हैं।”

कुमार ने बताया कि सिंजेंटा इंडिया सतत रूप से लाभकारी कृषि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। “हम विज्ञान-आधारित नवाचार के माध्यम से किसानों को अधिक विकल्प और लचीलापन प्रदान कर रहे हैं। हम उन्हें कीट और रोग नियंत्रण, अकाल-तनाव प्रबंधन और मृदा स्वास्थ्य व पोषक तत्व उपयोग दक्षता में सुधार के लिए अतिरिक्त समाधान प्रदान करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारी बेहतरीन आंतरिक अनुसंधान एवं विकास (R&D) क्षमताएं और बाहरी साझेदारियों, जैसे अग्रणी बायोस्टिमुलेंट्स कंपनी वलाग्रो का अधिग्रहण, ने हमें किसानों की आवश्यकताओं पर केंद्रित जैविक समाधान प्रदान करने में सक्षम बनाया है। हमारी आकांक्षा है कि हम फोलिएर, बीज उपचार जैविक उत्पादों और मृदा स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों में वैश्विक अग्रणी बनें।”

कुमार ने बताया कि सिंजेंटा इंडिया के पोषक तत्व उपयोग दक्षता, मृदा स्वास्थ्य और अकाल-तनाव प्रबंधन उत्पाद किसानों को उर्वरकों का अधिकतम उपयोग करने में सक्षम बनाते हैं। “हमारे मृदा स्वास्थ्य समाधान किसानों को कम उपजाऊ और खारे मिट्टी में भी अच्छी गुणवत्ता की उपज प्राप्त करने में मदद करते हैं। तनावपूर्ण पर्यावरणीय परिस्थितियों में भी उच्च गुणवत्ता की उपज के लिए सिंजेंटा बायोलॉजिकल्स के पास विश्व-स्तरीय समाधान हैं।”

सिंजेंटा इंडिया के कंट्री हेड और एमडी सुशील कुमार ने आगे कहा कि साझेदारियां नवाचार को तेज़ी से आगे बढ़ाने और समाधान जल्दी किसानों तक पहुंचाने के लिए सबसे अच्छे उपायों में से एक हैं। “हमारा विशिष्ट अनुसंधान दृष्टिकोण और वैज्ञानिकों की समर्पित टीम ने हमें जैविक उत्पादों की श्रेणियों में नवाचार की दिशा में अग्रणी बनाया है।”

संजय कुमार टोकला, हेड – बायोलॉजिकल्स, सिंजेंटा इंडिया ने बताया कि वैश्विक जैविक उत्पादों का बाज़ार 2030 तक 20 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है और भारत में भी यह तेज़ी से बढ़ रहा है। “सिंजेंटा इस उद्योग में एक अग्रणी कंपनी होने के नाते, इस बाजार में अपनी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए तैयार है। हम बदलते नियामकीय ढांचे को देखते हुए अपने जैविक उत्पादों की श्रृंखला को और मजबूत करने हेतु नए साझेदारों की संभावनाओं को तलाशते रहेंगे।”

संजय ने विश्वास जताया कि जैविक उत्पादों का उपयोग जैव विविधता को बढ़ावा देता है, दीर्घकालिक मृदा उर्वरता को समर्थन देता है और कृषि प्रणालियों को जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक लचीला बनाता है। “जैविक उत्पादों को कृषि पद्धतियों में सम्मिलित कर किसान उत्पादन बढ़ा सकते हैं, साथ ही पारिस्थितिक संतुलन बनाए रख सकते हैं और भविष्य की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।”

विवेक शर्मा, हेड मार्केटिंग, सिंजेंटा इंडिया ने कहा, “जैविक उत्पाद पारंपरिक फसल सुरक्षा उपायों के पूरक हैं और उन्हें बेहतर बनाते हैं। इससे किसानों को उपभोक्ताओं, समाज और नीतिगत मांगों के अनुरूप टिकाऊ कृषि विकल्प अपनाने की लचीलापन मिलती है। समेकित फसल प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में, जैविक उत्पाद पौध स्वास्थ्य और कीट प्रबंधन को प्रभावी और सुरक्षित रूप से संभालने में सहायक होते हैं।”

विवेक ने निष्कर्ष में कहा, “सिंजेंटा बायोलॉजिकल्स का सफर एक सदी से अधिक समय से चला आ रहा है। यह सिंजेंटा ग्लोबल की एक उभरती हुई शाखा है जो आज फसल सुरक्षा ही नहीं बल्कि बीज – सब्जियों व बड़े खेतों की फसलों, बीज सुरक्षा और अब जैविक उत्पादों के क्षेत्र में अपने नवाचारों की टोकरी के साथ वैश्विक किसान समुदाय की सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रही है।”

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