कम्पनी समाचार (Industry News)

नेटाफिम ने खेती के लिए बिना रुकावट वाली ड्रिप टेक्नोलॉजी तूफ़ान लॉन्च की

28 अक्टूबर 2023, नई दिल्ली: नेटाफिम ने खेती के लिए बिना रुकावट वाली ड्रिप टेक्नोलॉजी तूफ़ान लॉन्च कीसिंचाई के लिए स्मार्ट सॉल्यूशन उपलब्ध कराने वाली देश की अग्रणी कंपनी, नेटाफिम इंडिया ने तूफ़ान ड्रिपलाइन को बाज़ार में उतारा है। कंपनी ने अपने इस प्रोडक्ट के ज़रिये वर्ष 2025 तक पूरे भारत में 25,000 हेक्टेयर भूमि को कवर करने और 35,000 किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है, ताकि सस्टेनेबल फार्मिंग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव लाया जा सके। इस इनोवेटिव सिस्टम को अव्वल दर्जे की एंटी-क्लॉगिंग टेक्नोलॉजी के साथ तैयार किया गया है, जो पानी के साथ-साथ न्यूट्रिएंट्स को खेतों में हर जगह पहुंचाने में बेहद कारगर है। इसकी ड्रिप लाइन बहुत ज्यादा लचीली है और 40% अधिक मजबूत है।

नेटाफिम इंडिया का तूफ़ान ड्रिपलाइन सिंचाई की आधुनिक व कुशल तकनीक को सभी के लिए सुलभ बनाता है, बेहद किफायती ड्रिप टेक्नोलॉजी अब बड़ी से लेकर छोटी जोत वाले सभी स्तर के किसानों के लिए उपलब्ध है, जिसके लिए  सब्सिडी का  कोई सम्बन्ध नहीं है । इसकी ड्रिप लाइन को इस तरह तैयार किया गया है, जिसे आसानी से और तुरंत उपयोग में लाया जा सकता है ताकि किसान एक ही दिन में 10 एकड़ तक जमीन को कवर कर सकें।

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नेटाफिम इंडिया के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसके डिजिटल लॉन्च का आयोजन किया गया और जिसमें 10 लाख किसानों और डीलरों ने भाग लिया। नेटाफिम इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और नेटाफिम लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, श्री रणधीर चौहान  ने वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान इस प्रोडक्ट को लॉन्च किया। नेटाफिम इंडिया के तूफ़ान ड्रिपलाइन को कृषि क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव लाने वाली टर्बुनेक्स्ट™ (TurbuNext™) टेक्नोलॉजी के साथ तैयार किया गया है, जो बेहद किफायती विकल्प है और बहुत अधिक टिकाऊ भी है, जिससे किसानों को फसल की बेहतर उपज हासिल करने में मदद मिलती है। समतल जमीन पर कतार में उगाई जाने वाली किसी भी फसल के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।

पानी की गुणवत्ता चाहे कैसी भी हो, नेटाफिम इंडिया का तूफ़ान बड़े फिल्ट्रेशन एरिया के साथ पानी के बहाव की दर को कम बनाता है, जिससे फसलों को लगातार पानी मिलता रहता है। टर्बुनेक्स्ट™ (TurbuNext™) ड्रिपर का लैबरिन्थ मलबे को बाहर निकाल देता है, जिससे पानी के बहाव में किसी भी तरह की रुकावट नहीं होती है। बहाव की दर कम होने से इसे काफी लंबाई में बिछाया जा सकता है, जिसके लिए काफी कम संख्या में सब-मेन पाइप और कनेक्टर की जरूरत होती है। इस प्रकार, लागत पर प्रति हेक्टेयर 25% तक की बचत होती है।

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