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इफको-एमसी द्वारा नैनो यूरिया का प्रशिक्षण

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7 जून 2022, रायसेन । इफको-एमसी द्वारा नैनो यूरिया का प्रशिक्षण – इफको-एमसी एवं कृषि विज्ञान केंद्र रायसेन के संयुक्त तत्वाधान में ग्राम बनखेड़ी जिला रायसेन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों द्वारा इफको कलोल इकाई में विश्व के पहले नैनो यूरिया संयंत्र के लोकार्पण अवसर पर किसान सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में इफको-एमसी भोपाल से श्री विजय कुमार द्विवेदी, वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ. स्वप्निल दुबे, डॉ. प्रदीप कुमार द्विवेदी, डॉ. मुकुल कुमार, डॉ. अंशुमान गुप्ता, श्री रंजीत सिंह राघव उपस्थिति रहे।

इस अवसर पर इफको कलोल इकाई में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किसानों को लाईव दिखाया गया। जिसे संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नैनो टेक्नोलॉजी से आत्मनिर्भरता की तरफ जो कदम हमने रखा है वो कितना महत्वपूर्ण है ये हर देशवासी को समझना चाहिए भारत उर्वरक के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता है लेकिन उत्पादन के मामले में भारत तीसरे नम्बर पर है भविष्य में नैनो यूरिया के अलावा अन्य नैनो उर्वरक भी हमारे किसानों को मिल सकते हैं। इसके साथ ही हमें प्राकृतिक खेती की ओर भी जाना होगा।

इफको-एमसी भोपाल से श्री द्विवेदी ने नैनो यूरिया के प्रयोग और लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी और किसानों को बताया कि इफको नैनो यूरिया किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है और पारंपरिक यूरिया से लगभग 10 प्रतिशत सस्ता है इसके प्रयोग से मिट्टी की जैविक गुढ़वत्ता में सुधार होता है फसल उत्पादकता में वृद्धि होती है उत्पाद की गुढ़वत्ता बढ़ती है जो पर्यावरण हितैषी है। अब 1 बोरी पारंपरिक यूरिया की जगह पर आधा लीटर की नैनो यूरिया की बोतल पर्याप्त है इसकी 4 मिलीलीटर मात्रा 1 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ 125 लीटर पानी पत्तियों पर छिडक़ाव करें।

वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ. दुबे ने खरीफ फसलों पर समसामयिक सलाह व धान की उन्नत किस्मों और उन्नत तकनीकी सम्बंधित जानकारी दी। खरीफ फसलों की बुवाई के लिए संतुलित मात्रा में उर्वरकों के उपयोग की सलाह दी गयी।

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