गोदरेज एग्रोवेट ने मक्का फसल के लिए नया खरपतवारनाशी ‘अशिताका’ लॉन्च किया
29 अगस्त 2025, नई दिल्ली: गोदरेज एग्रोवेट ने मक्का फसल के लिए नया खरपतवारनाशी ‘अशिताका’ लॉन्च किया – गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड (गोदरेज एग्रोवेट) ने मक्का फसल के लिए नया खरपतवारनाशी ‘अशिताका’ लॉन्च किया है। इसे आईएसके जापान के सहयोग से विकसित किया गया है। यह दवा घास और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने में उपयोगी है, जो भारत में मक्का किसानों के लिए बड़ी समस्या बने हुए हैं। मक्का की शुरुआती अवस्था में खरपतवार का प्रकोप उत्पादकता को प्रभावित करता है। ‘अशिताका’ को 2–4 पत्ती अवस्था में छिड़काव करने पर खरपतवार नियंत्रण किया जा सकता है।
भारत वैश्विक स्तर पर मक्का क्षेत्रफल में चौथे और वार्षिक उत्पादन में पाँचवें स्थान पर है। पशु प्रोटीन, स्टार्च और औद्योगिक उत्पादों की मांग बढ़ने के कारण देश में मक्का की आवश्यकता पशु चारा, औद्योगिक उपयोग और बायोफ्यूल के लिए लगातार बढ़ रही है। इस क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बीज और इनपुट तक सीमित पहुंच जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। जलवायु परिवर्तन भी उत्पादन को प्रभावित कर रहा है, जिसमें चरम मौसम, वर्षा में बदलाव और कीट-रोगों की वृद्धि शामिल है। ऐसे में ‘अशिताका’ जैसे अनुसंधान-आधारित समाधानों से उत्पादन बढ़ाने और फसल की महत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
राजावेलु एन.के., सीईओ, क्रॉप प्रोटेक्शन बिज़नेस, गोदरेज एग्रोवेट ने कहा, “गोदरेज एग्रोवेट में हमारा उद्देश्य अनुसंधान-आधारित समाधान किसानों तक पहुँचाना है। मक्का में शुरुआती अवस्था में खरपतवार प्रबंधन उत्पादकता के लिए आवश्यक है। ‘अशिताका’ का लॉन्च किसानों को उत्पादन और लाभ बढ़ाने में मदद करेगा।”
अनिल चौबे, जीएम – मार्केटिंग, क्रॉप प्रोटेक्शन बिज़नेस, गोदरेज एग्रोवेट ने कहा, “‘अशिताका’ मक्का में खरपतवार नियंत्रण करके मिट्टी की नमी और पोषक तत्वों के बेहतर उपयोग में मदद करता है और फूल आने व दाना भरने जैसे चरणों में पौधे के विकास को सहारा देता है। अनुशंसित मात्रा – 50 मि.ली./एकड़ के साथ 400 मि.ली./एकड़ सर्फैक्टेंट को 2–4 पत्ती अवस्था में छिड़कने से शुरुआती खरपतवार नियंत्रण संभव है और उपज हानि को कम किया जा सकता है। इससे उत्पादन स्थिर रहता है, दाने की गुणवत्ता बेहतर होती है और वर्षा आधारित क्षेत्रों में किसानों की आय सुरक्षित रहती है।”
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