ग्रोमैक्स एग्री इक्विपमेंट के गौरवशाली 25 वर्ष
27 फ़रवरी 2025, मुंबई: ग्रोमैक्स एग्री इक्विपमेंट के गौरवशाली 25 वर्ष – महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड और गुजरात सरकार के एक संयुक्त उपक्रम ग्रोमैक्स एग्री इक्विपमेंट लिमिटेड (पूर्व में महिंद्रा गुजरात ट्रैक्टर लिमिटेड) ने अपने 25 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए हैं। जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसमें उसने भारतीय किसानों को किफायती और आधुनिक मशीनरी समाधान प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
उल्लेखनीय है कि 1999 में महिंद्रा द्वारा कंपनी में बहुमत हिस्सेदारी प्राप्त करने के बाद इसका नाम महिंद्रा गुजरात ट्रैक्टर लिमिटेड रखा गया, और 2017 में इसका नाम बदलकर ग्रोमैक्स एग्री इक्विपमेंट लिमिटेड कर दिया गया।जिसके द्वारा भारतीय कृषि समुदाय को विशिष्ट और किफायती मशीनीकरण समाधान प्रदान किए जा रहे हैं। पिछले 25 वर्षों में, ग्रोमैक्स ने अपने ट्रैक्टर पोर्टफोलियो को केवल 4 मॉडलों से बढ़ाकर 20-50 एचपी सेगमेंट में 40 से अधिक वेरिएंट्स तक विस्तारित किया है। यह ट्रैकस्टार (2017 में लॉन्च) और हिंदुस्तान ब्रांड के ट्रैक्टरों के साथ-साथ ट्रैकमेट ब्रांड के तहत फार्म इम्प्लीमेंट्स भी प्रदान करता है।
25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में प्रमुख घोषणाएं: कम्पनी द्वारा 4WD सेगमेंट में दो नए ट्रैक्टर मॉडल – ट्रैकस्टार 525 और ट्रैकस्टार 536 लॉन्च किए। 24 एचपी, 31 एचपी और 36 एचपी श्रेणी में नए 2WD ट्रैक्टर वेरिएंट्स पेश किए, जो विशेष रूप से बागवानी क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। युवा किसानों को आकर्षित करने और ब्रांड को अलग पहचान देने के लिए, केसरिया और काले रंग के ट्रैक्टर पेश किए गए।
कंपनी की 25 वर्षों की सफलता पर टिप्पणी करते हुए श्री हेमंत सिक्का , प्रेसिडेंट, फार्म इक्विपमेंट सेक्टर,महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने कहा महिंद्रा एंड महिंद्रा के लिए यह एक ऐतिहासिक वर्ष है और हमें ग्रोमैक्स की 25 वर्षों की शानदार यात्रा पर बहुत गर्व है। यह हमारी साझा प्रतिबद्धता खेती में बदलाव लाना और जीवन को समृद्ध बनाने का प्रमाण है। ग्रोमैक्स किसानों को किफायती और सुलभ कृषि उपकरण प्रदान करने के लिए समर्पित एक ब्रांड है। हम अपने ग्राहकों, भागीदारों, गुजरात सरकार और कर्मचारियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इस सफर में हमारा साथ दिया। आगे बढ़ते हुए, हम ग्रोमैक्स के अगले विकास चरण की ओर उत्सुकता से देख रहे हैं और भारतीय किसानों को उनके खेतों के मशीनीकरण में सक्षम बनाने का संकल्प दोहराते हैं।
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