प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से लाभान्वित तुषार की कहानी
09 अगस्त 2024, बड़वानी: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से लाभान्वित तुषार की कहानी – प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना से लाभान्वित बड़वानी जिले की राजपुर तहसील के ग्राम पंचायत ओझर निवासी श्री तुषार वालके पिता श्री महेश वालके ने ओझर में विराह मत्स्य पालन केन्द्र नाम से मत्स्य पालन इकाई संचालित की है। इस योजना के तहत तुषार ने 50 लाख रूपये की राशि पर 30 लाख रुपये अनुदान राशि प्राप्त की।
श्री वालके ने बताया कि एक वर्ष पहले 2023-24 मे स्वरोजगार के रूप में मत्स्य पालन केंद्र को स्थापित किया। वे शिक्षित मत्स्य कृषक है, एवं कुछ अलग करना चाहते थे, उनकी इसी चाह ने उन्हें मत्स्य पालन केन्द्र खोलने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि उनके मत्स्य पालन केेंद्र पर कुल 8 टैंक है जिसमें प्रति टैक 3000 फिंगर साइज पंगेसियस मछली के बीज का संचयन किया जाता है। 7 माह के अवधि पूर्ण होने पर मछलियाँ उत्पादन हेतु तैयार हो जाती हैै। जिन्हें स्थानीय मछली व्यापारी केंद्र पर आकर थोक मेंमछली ले जाते है। जिसका थोक भाव 100 से 150 रुपये प्रति किलो मिल जाता है। जिसमें वार्षिक मत्स्य उत्पादन लगभग 24 मैट्रिक टन हो जाता है। जिससे कुल वार्षिक आय 30 लाख है और लगभग 22 लाख वार्षिक व्यय घटाने के बाद शुद्ध वार्षिक लाभ 14 लाख रुपये प्राप्त होता है। इस स्वरोजगार के द्वारा 4 अन्य लोगों को भी आय का माध्यम प्रदान किया है।
सहायक संचालक मत्स्योद्योग जिला बड़वानी श्री एनपी रैकवार ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य मछुआरों के साथ मत्स्य पालन क्षेत्र का समग्र विकास करना है। पीएमएमएसवाई को मछली उत्पादन, उत्पादकता और गुणक्ता से लेकर प्रौद्योगिकी, कटाई के बाद के बुनियादी ढ़ाचे और विपणन तक मत्स्य पालन मूल्य श्रृखंला में महत्वपूर्ण अंतराल को दूर करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसके माध्यम से एक मजबूत मत्स्य प्रबंधन ढाचा स्थापित कर मछली किसानो के सामाजिक-आर्थिक कल्याण को सुनिश्चित करना है।
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