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प्रधानमंत्री आवास योजना: 31 मार्च तक खुद करें पंजीयन, वरना छूट जाएगा मौका

07 मार्च 2025, जयपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना: 31 मार्च तक खुद करें पंजीयन, वरना छूट जाएगा मौका – राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकानों में रहने वाले गरीब परिवारों को पक्का आवास देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना को और आसान बना दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार, अब पात्र लाभार्थी घर बैठे अपने एंड्रॉइड मोबाइल से एप के जरिए स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर यह डिजिटल पहल शुरू की है।

किन्हें मिलेगा योजना का लाभ?

सवाई माधोपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव बुडानिया के अनुसार, अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई लोगों को लाभ मिला है, लेकिन अब भी कई ऐसे परिवार हैं जो अब तक इस योजना से वंचित रहे हैं।

ऐसे परिवार जो आवासहीन हैं, सालो से किराए के मकान में रह रहे हैं या उनके पास सिर्फ कच्चा मकान है, इस योजना के प्राथमिक लाभार्थी होंगे। इसके अलावा, बेघर, बेसहारा, भीख मांगकर गुजारा करने वाले, हाथ से मैला ढोने वाले, जनजातीय समुदाय के लोग, और वैधानिक रूप से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन परिवारों के लिए सर्वे के दौरान जियो टैगिंग की जाएगी और सभी सदस्यों के आधार कार्ड, जॉब कार्ड और बैंक खाते की जानकारी जुटाई जाएगी। परिवार में महिला सदस्य होने पर उसी को लाभार्थी बनाया जाएगा। यदि परिवार में कोई महिला सदस्य नहीं है, तो अन्य सदस्य को लाभ दिया जाएगा।

इन लोगों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा

कुछ श्रेणियों के लोग इस योजना के पात्र नहीं होंगे। यदि किसी परिवार के पास मोटरचालित तिपहिया या चौपहिया वाहन है, मशीनीकृत कृषि उपकरण हैं, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 50,000 रुपये या उससे अधिक है, परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी है, कोई सदस्य आयकर दाता है, या परिवार की मासिक आय 15,000 रुपये से अधिक है, तो वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा, जिनके पास 2.5 एकड़ या उससे अधिक कृषि भूमि है, वे भी इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे।

31 मार्च तक कराएं पंजीयन

सरकार ने 31 मार्च 2025 तक सभी पात्र लाभार्थियों को योजना से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत लाभार्थी को कुल 1,55,940 रुपये की सहायता दी जाएगी। इसमें 1,20,000 रुपये आवास निर्माण के लिए तीन किस्तों में मिलेंगे, 90 दिन का मनरेगा पारिश्रमिक (23,940 रुपये) और शौचालय निर्माण के लिए 12,000 रुपये की राशि शामिल है।

लाभार्थी स्वयं अपने मोबाइल से पंजीकरण कर सकते हैं। प्रत्येक मोबाइल से सिर्फ एक आवेदन किया जा सकता है। ग्राम विकास अधिकारी और कनिष्ठ सहायक अपने मोबाइल से कई आवेदनों को मैप कर सकते हैं और जरूरतमंदों का सर्वे कर सकते हैं।

ग्राम पंचायतों को यह प्रमाण पत्र देना होगा कि उनके क्षेत्र में कोई भी पात्र लाभार्थी इस सर्वे से वंचित नहीं है। यदि किसी लाभार्थी का नाम छूट जाता है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सर्वे के दौरान लाभार्थियों को मकान निर्माण के लिए चार नक्शे दिए जाएंगे, जिनमें से वे अपनी पसंद का नक्शा चुन सकते हैं।

जिले में अब तक 75,132 पात्र परिवार इस योजना के तहत पंजीकरण करा चुके हैं। इनमें से 61,619 लाभार्थियों ने खुद से पंजीकरण किया है, जबकि 13,513 लाभार्थियों का सर्वे ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा किया गया है। जो लोग अब तक छूट गए हैं, वे 31 मार्च तक अपना नाम जुड़वा सकते हैं।

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