सरकारी योजनाएं (Government Schemes)

किसानों के लिए PDPS योजना: पूरी गाइड और जानकारी

16 जनवरी 2025, नई दिल्ली: किसानों के लिए PDPS योजना: पूरी गाइड और जानकारी – कीमत अंतर भुगतान योजना (Price Deficiency Payment Scheme – PDPS) भारत सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को उनके उत्पाद की सही कीमत दिलाना है। जब बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम होता है, तो यह योजना उस अंतर को भरकर किसानों को आर्थिक सहयोग प्रदान करती है। यह योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) का हिस्सा है, जिसमें किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम शामिल हैं।

PDPS योजना के उद्देश्य

  1. MSP और बाजार मूल्य के बीच अंतर को भरना: किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत दिलाना।
  2. भौतिक खरीद की आवश्यकता समाप्त करना: इस योजना में फसल की भौतिक खरीद की जगह किसानों को सीधे आर्थिक मदद मिलती है।
  3. पारदर्शिता और तेज़ भुगतान: किसानों को उनके आधार लिंक्ड बैंक खातों में सीधी धनराशि ट्रांसफर करना।

PDPS योजना की मुख्य विशेषताएं

  1. कवरेज:
    • यह योजना उन सभी तिलहनों (Oilseeds) पर लागू होती है, जिनके लिए MSP निर्धारित है।
    • योजना के तहत पहले राज्य की कुल तिलहन उत्पादन का 25% कवर होता था, जिसे बढ़ाकर 40% कर दिया गया है।
  2. लाभार्थी पंजीकरण:
    • किसान अपनी फसल और जमीन की जानकारी देकर नज़दीकी कृषि उत्पाद विपणन समिति (APMC) मंडी में पंजीकरण करवा सकते हैं।
  3. प्रत्यक्ष लाभ स्थानांतरण (DBT):
    • किसानों को DBT के माध्यम से उनके आधार लिंक्ड खातों में सीधा भुगतान किया जाता है।
  4. कोई भौतिक खरीद नहीं:
    • इस योजना में फसल की खरीद और भंडारण की आवश्यकता नहीं होती है। किसानों को केवल MSP और मंडी मूल्य के बीच का अंतर दिया जाता है।

PDPS योजना का कार्यान्वयन

  1. पंजीकरण:
    • किसान को अपने खेत और फसल की जानकारी संबंधित मंडी में देनी होती है।
  2. फसल बिक्री:
    • किसान अपनी फसल को अधिसूचित बाजारों में नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से बेचता है।
  3. भुगतान प्रक्रिया:
    • यदि फसल का बाजार मूल्य MSP से कम होता है, तो अंतर की धनराशि किसान के खाते में स्थानांतरित कर दी जाती है।

PDPS योजना के लाभ

  1. लॉजिस्टिक्स में कमी:
    • इस योजना से भंडारण और परिवहन की लागत में कमी आती है।
  2. फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन:
    • यह योजना किसानों को गेहूं और चावल के अलावा अन्य फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करती है।
  3. वित्तीय समावेशन:
    • DBT के माध्यम से किसानों को भुगतान से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलता है।
  4. खाद्य सब्सिडी खर्च पर नियंत्रण:
    • फिजिकल खरीदारी न होने से सरकार का सब्सिडी खर्च भी नियंत्रित रहता है।

PDPS योजना से जुड़ी चुनौतियां

  1. सटीक मूल्य निर्धारण:
    • बाजार मूल्य की सही निगरानी आवश्यक है।
  2. किसानों में जागरूकता:
    • किसानों को इस योजना के लाभ और प्रक्रिया के बारे में जानकारी देना ज़रूरी है।
  3. बुनियादी ढांचा:
    • ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होना चाहिए।

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