सरकारी योजनाएं (Government Schemes)

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नई तकनीक: YES-TECH से होगा फसल नुकसान का सटीक मूल्यांकन

22 दिसंबर 2024, भोपाल: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नई तकनीक: YES-TECH से होगा फसल नुकसान का सटीक मूल्यांकन – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में फसल नुकसान का सही मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें सैटेलाइट इमेजरी, ड्रोन, अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) और रिमोट सेंसिंग जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इन तकनीकों का मुख्य उद्देश्य फसल क्षेत्र का अनुमान, उपज विवादों का समाधान और फसल कटाई प्रयोग (CCEs) के लिए योजना बनाना है। यह तकनीकें नुकसान के मूल्यांकन को पारदर्शी, सटीक और समयबद्ध बनाती हैं, जिससे दावों का समय पर भुगतान किया जा सकता है।

तकनीकी सुधार के माध्यम से योजना को मजबूत बनाना

कृषि क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और सही आंकड़ों के आधार पर फसल नुकसान का मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। CCE-Agri ऐप के माध्यम से फसल कटाई प्रयोग (CCEs) डेटा को सीधे NCIP (नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल) पर अपलोड किया जाता है। इसके अलावा, राज्य सरकारों के भूमि रिकॉर्ड को भी इस पोर्टल से जोड़ा गया है, जिससे डेटा की सही रिपोर्टिंग और अपडेट सुनिश्चित हो सके।

YES-TECH प्रणाली: सही फसल उपज का अनुमान

फसल नुकसान का मूल्यांकन और दावों का निपटान समय पर और पारदर्शी तरीके से करने के लिए YES-TECH (Yield Estimation System Based on Technology) प्रणाली को 2023 की खरीफ फसल से लागू किया गया है। यह प्रणाली रिमोट सेंसिंग तकनीक पर आधारित है, जो सही और निष्पक्ष फसल उपज अनुमान लगाने में मदद करती है। इस प्रणाली में 30% वजन YES-TECH द्वारा प्राप्त उपज को दिया गया है। खरीफ 2024 से सोयाबीन फसल को भी इसमें शामिल किया गया है।

इस पहल का उद्देश्य फसल उपज अनुमान की सटीकता बढ़ाना और दावों का निपटान अधिक पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से करना है। यह प्रणाली वर्तमान में 10 राज्यों में लागू की जा रही है और 2023 की खरीफ फसल में जिन 7 राज्यों ने इसे लागू किया था, उनमें दावे YES-TECH आधारित मूल्यांकन के आधार पर किए गए हैं।

YES-TECH प्रणाली का संचालन और दिशा-निर्देश

YES-TECH प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए YES-TECH मैनुअल, 2023 में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस प्रणाली के तहत, प्रत्येक राज्य एक Technology Implementation Partner (TIP) का चयन करेगा, जो MITR (Mentor Institute for Technology Roll-out) की निगरानी में काम करेगा। MITR संस्थाएं जैसे ISROICAR जैसी सरकारी संस्थाओं द्वारा नियुक्त की जाएंगी।

इस प्रणाली के संचालन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए, सभी कार्यों के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है। TIP के लिए भुगतान कार्य की प्रगति के अनुसार किया जाएगा, और समय सीमा के उल्लंघन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा, विवादों का समाधान और शिकायत निवारण के लिए भी एक प्रणाली विकसित की गई है।

क्या यह प्रणाली सही मायने में प्रभावी है?

YES-TECH प्रणाली को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या यह तकनीक वाकई में सभी किसानों के लिए सटीक और समय पर उपज अनुमान लगा पाती है? क्या यह पद्धति राज्य स्तर पर सही तरीके से लागू हो रही है और किसानों को इसका पूरा लाभ मिल रहा है? इसके अलावा, क्या यह प्रणाली सही तरीके से किसानों के दावे निपटाने में सक्षम होगी?

यह जानकारी कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री रामनाथ ठाकुर द्वारा लोकसभा में लिखित उत्तर के रूप में दी गई थी।

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