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प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में मध्य प्रदेश बना देश का अग्रणी राज्य, रेहड़ी-पटरी वालों को मिल रही खास मदद

05 नवंबर 2024, भोपाल: प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में मध्य प्रदेश बना देश का अग्रणी राज्य, रेहड़ी-पटरी वालों को मिल रही खास मदद – मध्य प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में लगातार तीसरे साल भी देश में शीर्ष स्थान पर बनी हुई है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के नगरीय क्षेत्रों में रेहड़ी-पटरी और ठेला लगाने वाले छोटे व्यापारियों को 10, 20 और 50 हजार रुपये तक का ऋण दिया जा रहा है, जिससे वे अपने व्यवसाय को सुदृढ़ कर सकें। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नगरीय क्षेत्रों में पथ-विक्रेताओं को उनकी जरूरत के अनुसार आर्थिक सहायता दी जाए ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

कैसे मदद कर रही है स्वनिधि योजना?

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में मध्य प्रदेश ने इस योजना में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, जिससे अब तक राज्य के 12 लाख 30 हजार से अधिक पथ-विक्रेताओं को करीब 1769.16 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया जा चुका है। राज्य में 4 लाख 89 हजार पथ-विक्रेता डिजिटल लेन-देन में भी सक्रिय हो गए हैं, जिससे उन्हें अब तक 21 करोड़ रुपये का कैशबैक मिला है। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए कई जगहों पर पथ-विक्रेताओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

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अन्य योजनाओं का भी मिल रहा लाभ

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के साथ-साथ राज्य सरकार पथ-विक्रेताओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन-धन योजना और एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड जैसी योजनाओं का लाभ भी दिला रही है। साथ ही, महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से भी जोड़ा गया है। इस प्रयास का उद्देश्य पथ-विक्रेताओं को न केवल वित्तीय सहयोग देना है, बल्कि उनकी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित करना है।

413 नगरीय निकायों में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन

प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में स्वनिधि योजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है। कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार ने असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत पथ-विक्रेताओं को आर्थिक सहायता देने के लिए एक-एक हजार रुपये की अनुदान राशि भी प्रदान की थी। निकायों और बैंकों के सहयोग से योजना के तहत ऋण प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, ताकि अधिक से अधिक लाभार्थी योजना का लाभ उठा सकें।

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