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परियोजना से 151 गांवों की 32 हजार हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित, समृद्ध होंगे किसान

13 सितम्बर 2024, भोपाल: परियोजना से 151 गांवों की 32 हजार हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित, समृद्ध होंगे किसान – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगवान श्रीराम अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान बहोरीबंद की पावन भूमि से होकर चित्रकूट गए थे। यह श्री राम की तपोस्थली है। इस क्षेत्र की जनता को पिछले 40 वर्षों से जिस योजना का इंतज़ार था, वह   पूरी होने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव   कटनी जिले के बहोरीबंद में 1011.05 करोड़ रूपये की लागत की बहोरीबंद उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्यों के शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहोरीबंद परियोजना से कटनी जिले की 4 तहसीलों के 151 गांव की 32 हजार हेक्टयर ज़मीन सिंचित होगी। इससे हर खेत के लिए जल की हर बूँद का कृषक स्प्रिंकलर, ड्रिप आदि पद्धति से उपयोग कर सकेंगे। नहर बनाने के लिए ज़मीन का प्रयोग नहीं किया जाएगा सीधे ही पानी खेत के लिए उपलब्ध हो सकेगा। परियोजना से कटनी के नागरिकों को पेयजल आपूर्ति के प्रयास भी किये जाएगें। मुख्यमंत्री ने कटनी जिले में विकास के लिये 55 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहोरीबंद सिंचाई परियोजना प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के “ड्रॉप मोर क्रॉप” अर्थात पानी की बूंद-बूंद का उपयोग कर अधिकतम उत्पादन लेने के किये गए आह्वान पर क्रियान्वित होगी। इसमें भूमि बचाव एवं जल बचाव के उद्देश्य के साथ खेतों में पानी पहुंचाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज बहोरीबंद की जनता होली और दिवाली एक साथ मना रही है। बारिश में भी कटनी के लोगों में असीम उत्साह देखकर उनका हृदय प्रफुल्लित हो गया है।

बहोरीबंद माइक्रो सिंचाई परियोजना के प्रमुख तथ्य

इस परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति 1011.05 करोड़ रूपये की है। इससे कटनी जिले की बहोरीबंद तहसील के 151 ग्रामों के कृषकों की 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी, जिससे बहोरीबंद तहसील के 86 ग्रामों की 18800 हेक्टेयर, स्लीमनाबाद तहसील के 43 गांवों की 9345 हेक्टेयर, रीठी तहसील के 17 गांवों की 2500 हेक्टेयर और कटनी तहसील के 5 गांवों की 1355 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचिंत हो सकेगी। इस परियोजना में बरगी बांध की दांई तट मुख्य नहर की आर.डी. 102.50 किलोमीटर ग्राम भनपुरा तहसील ढीमरखेड़ा से 128.50 एम.सी.एम 12.39 क्यूमेक्स जल उद्वहन कर 151 ग्रामों में सिचाई का लाभ मिलेगा। इससे भूमिगत पाईप नहर प्रणाली से 2.5 हेक्टेयर चक तक 23 मीटर दबाव युक्त जल उपलब्ध कराया जायेगा। इससे कृषकों द्वारा स्प्रिंकलर, ड्रिप लगाकर सिंचाई की जा सकेगी। इस पद्धति की खासियत यह होगी कि कृषकों को कम पानी में अधिक सिंचाई का लाभ एवं उत्पादन मिलेगा।

जलाशय बनाने के साथ बहोरीबंद जलाशय का पुनरुद्धार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि  जिले के गाताखेड़ा, जुझारी, जमुनिया, सिहरिया, बेजनाला, जमुन्हाई में जलाशय बनाने के साथ बहोरीबंद जलाशय का पुनरुद्धार करने और बहोरीबंद के प्राचीन तीर्थ रूपनाथ, तिगवा, बिलहरी, वसुधा जल-प्रपात,केन नदी के उदगम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहोरीबंद मे “हरिबाबा हरिदास” के नाम पर धर्मशाला बनाई जायेगी I

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