समस्या- अरहर (तुअर) की फसल हरी फली के लिये लेते हैं परंतु फसल में उकठा रोग लग जाता है, कृपया निदान बतायें।
लेखक: नारायण पवार
02 दिसंबर 2024, भोपाल: समस्या- अरहर (तुअर) की फसल हरी फली के लिये लेते हैं परंतु फसल में उकठा रोग लग जाता है, कृपया निदान बतायें। –
समाधान- अरहर में उकठा रोग मुख्य रूप से फ्यूजेरियम यूडम नामक फफूंदी से होता है। जो भूमिजनित रहती है।
- इसका प्रकोप बुआई के चार से छ: सप्ताह बाद ही आरंभ हो जाता है।
- इसका प्रकोप काली मिट्टी में लाल मिट्टी की अपेक्षा अधिक होता है।
- इसके प्रकोप से बचने के लिए कम बीज को कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित कर बोये।
- खेत में ट्राइकोडरमा विरडी फफूंद के 1 किलो को 20 किलो खाद में मिलाकर प्रति एकड़ के मान से मिट्टी में मिला दें।
- खेत में फास्फोरस को सुपर फास्फेट के रूप में देने से इसके प्रकोप में अधिकता देखी गई है।
- अरहर के साथ ज्वार को अंतरवर्तीय फसल लेने से इसके प्रकोप में कमी आती है।
- 3-4 वर्ष तक अरहर के स्थान पर ज्वार या तम्बाकू की फसल लें।
- अरहर की एन.पी. (डब्ल्यू.आर.) 15,16 व 62, आई.सी.पी.एल 7336 व 8863 जातियों में इसका प्रकोप कम होता है।
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